बन्नी को मिली थी सुपारी!

भागलपुर: गोराडीह गैस एजेंसी के मालिक चंद्रशेखर गुप्ता की हत्या की सुपारी बरहपुरा के कुख्यात बन्नी खान को मिली थी. बन्नी के संपर्क के शूटरों ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. सुपारी की रकम स्पष्ट नहीं हो पायी है. पुलिस की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ है. शूटरों का नाम का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2014 11:33 AM

भागलपुर: गोराडीह गैस एजेंसी के मालिक चंद्रशेखर गुप्ता की हत्या की सुपारी बरहपुरा के कुख्यात बन्नी खान को मिली थी. बन्नी के संपर्क के शूटरों ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. सुपारी की रकम स्पष्ट नहीं हो पायी है.

पुलिस की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ है. शूटरों का नाम का भी पता चल चुका है. सारे शूटर जबारीपुर, बरहपुरा और इशाकचक इलाके के हैं. हालांकि पुलिस अभी उनके नामों को सार्वजनिक नहीं कर रही है. इस मामले में पुलिस को मोबाइल के आधार पर तगड़ा सुराग हाथ लगा है. घटना के बाद यह भी कहा जा रहा था कि बाइक से भागे तीन शूटरों में एक का चेहरा बन्नी से मिलता था. एक-दो दिन में इस मामले का पुलिस पटाक्षेप कर लेगी.

छह अपराधियों ने दिया था घटना को अंजाम

20 मार्च को गोराडीह-लोदीपुर मार्ग पर जमसी पुल के पास शाम 4.45 बजे अपराधियों ने एचपी गैस एजेंसी के मालिक चंद्रशेखर गुप्ता (50) और उनकी पत्नी प्रभावती देवी (40) को गोलियों से भून डाला था. मौके पर ही चंद्रशेखर गुप्ता की मौत हो गयी थी, जबकि पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गयी थी. हत्या से दो माह पहले ही चंद्रशेखर जेल से निकले थे. उनपर अपने पार्टनर अजीत कुमार की हत्या करवाने का आरोप था. बाइक सवार छह अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था. चश्मदीद प्रभावती देवी ने तीन की पहचान अजय भारती, शिवम व बंटी के रूप में की थी. अजय भारती पूर्व पार्टनर का भाई है, जबकि बंटी और शिवम भांजा. तीन अन्य शूटरों को प्रभावती नहीं पहचान पायी. इन तीन शूटरों में एक बन्नी था, ऐसी चर्चा है.

चार-पांच मोबाइल संदिग्ध

पुलिस ने इस मामले से जुड़े चार-पांच मोबाइल नंबरों को चिह्न्ति किया है. सारे मोबाइल नंबर इशाकचक इलाके के हैं. हत्या के ठीक बाद इन मोबाइल नंबरों पर एक-दूसरे से बात भी हुई थी. पुलिस सारे मोबाइल नंबरों का डिटेल्स निकाल रही है. ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके. इससे पहले भी पुलिस ने कई कांडों में मोबाईल सर्विलांस के आधार पर मामलों को खुलासा किया है. चर्चित जय किशन हत्या कांड में भी इस तकनीक सहारा लिया गया है.

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