आठ लाख रुपये मांग रहे थे त्रिपुरारि, नहीं मिले, तो दिया इस्तीफा : जदयू जिलाध्यक्ष
नवगछिया : युवक जदयू जिलाध्यक्ष पद से त्रिपुरारि कुमार भारती और 125 सदस्यों के इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को नवगछिया के मारवाड़ी विवाह भवन में जदयू के नवगछिया जिलाध्यक्ष चंदेश्वरी प्रसाद सिंह निषाद ने एक प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि त्रिपुरारि भारती आठ लाख रूपये पार्टी से मांग रहे थे. पार्टी से रुपये […]
नवगछिया : युवक जदयू जिलाध्यक्ष पद से त्रिपुरारि कुमार भारती और 125 सदस्यों के इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को नवगछिया के मारवाड़ी विवाह भवन में जदयू के नवगछिया जिलाध्यक्ष चंदेश्वरी प्रसाद सिंह निषाद ने एक प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि त्रिपुरारि भारती आठ लाख रूपये पार्टी से मांग रहे थे. पार्टी से रुपये नहीं मिलने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया. त्रिपुरारि का कहना था कि गत विधानसभा चुनाव में उन्होंने आठ लाख रुपये खर्च किये हैं.
जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस्तीफा सिर्फ त्रिपुरारि ने दिया है. उनके साथ 72 या 125 लोगों ने नहीं. जदयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि त्रिपुरारि को इन दिनों ठेकेदारी नहीं मिल रही थी. उनके क्षुब्ध होने का एक कारण यह भी है. इस्तीफा प्रकरण शुरू होते ही उन्होंने त्रिपुरारि को फोन किया था और सब कुछ मिल कर तय करने की गुजारिश भी की थी, लेकिन वह नहीं आये. नेता बन कर त्रिपुरारी के पास ठेकेदारी के सिवा दूसरी कोई उपलब्धि नहीं है. जदयू पहले से ज्यादा मजबूत है.
पार्टी में सभी को जोड़ने का काम आज तक किया है, इसलिए चाहेंगे कि त्रुपरारी पुन: घर वापसी करें. मौके पर जदयू के मिलन सागर, विमलदेव राय, अजीत कुमार, हुलास सिंह, ज्ञानसक सिंह आदि मौजूद थे.
कहते हैं त्रिपुरारि : इधर त्रिपुरािर कुमार भारती ने कहा कि कोसी क्षेत्र के चुनाव में उन्हें हर विधानसभा में गाड़ी की आपूर्ति करने कहा गया था, जिसमें कुल आठ लाख रुपये खर्च आये थे, जाे नहीं मिले. जदयू के गत सांगठनिक चुनाव में भी उन्होंने तीन लाख रुपये खर्च किये थे. आज तक कोई देने वाला नहीं है. पैसे का उन्हें गम नहीं था, लेकिन पार्टी की गतिविधि इन दिनों ठीकठाक नहीं चल रही थी. उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज सुनी और इस्तीफा दे दिया. त्रिपुरारि ने जिलाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन में कई लोग ऐसे हैं जो उनके पैसे से क्रियाशील सदस्य बने हैं. ठेकेदारी मेरा पेशा है, अगर ठेकेदारी करना गलत है तो सरकार सभी ठेकेदारों को जेल में डाल दे.