अभियुक्तों से मोटी रकम लेकर तथ्यों को छिपाने का आरोप
भागलपुर : इशाकचक थाना क्षेत्र के त्रिमूर्ति चौक स्थित संप्रीति अपार्टमेंट के फ्लैट में विगत 10 दिसंबर 2017 को पीजी की छात्रा नेहा की हत्या कर दी गयी थी. उक्त केस के अनुसंधानकर्ता खुद थानेदार राम एकबाल प्रसाद यादव हैं. मामले में उन्होंने सिटी एसपी के क्राइम रीडर अनिल कुमार और टाइपिस्ट सजी अहमत पर […]
भागलपुर : इशाकचक थाना क्षेत्र के त्रिमूर्ति चौक स्थित संप्रीति अपार्टमेंट के फ्लैट में विगत 10 दिसंबर 2017 को पीजी की छात्रा नेहा की हत्या कर दी गयी थी. उक्त केस के अनुसंधानकर्ता खुद थानेदार राम एकबाल प्रसाद यादव हैं. मामले में उन्होंने सिटी एसपी के क्राइम रीडर अनिल कुमार और टाइपिस्ट सजी अहमत पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं. बता दें कि उक्त टाइपिस्ट सजी अहमद पर पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने और केस को मैनेज करने का आरोप लगाया था.
विगत दिनों उक्त मामले में एसएसपी ने थानाध्यक्ष राम एकबाल प्रसाद यादव से कांड में मृतका नेता के जेठ मनोज कुमार आजाद और जेठानी जूली कुमारी का नाम चार्जशीट में शामिल करने को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की थी. जिसके जवाब में इशाकचक थानाध्यक्ष ने एसएसपी को भेजेे गए पत्र में कहा है कि मामले में तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा दिये निर्देशों के आधार पर पूरे मामले की जांच कर सारे तथ्यों को वरीय पुलिस अधीक्षक के समक्ष रखा गया. जिसके बाद मामले में तीनों नामजद आरोपितों के विरूद्ध आरोप पत्र समर्पित करने के आदेश के लिए अपराध शाखा के क्राइम रीडर से फाइल टाइप कराने का आदेश दिया.
जिसके बाद उन्होंने सिटी एसपी के क्राइम रीडर अनिल कुमार को अंतिम प्रगति प्रतिवेदन दिया और एसएसपी द्वारा दिए गए आदेश से भी अवगत कराया गया. पर क्राइम रीडर ने उक्त आदेश को टाइप करने के बजाय टाल मटोल करता रहा. इसी बीच चार्जशीट की अवधि पूरी होने की वजह से उन्होंने सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध चार्जशीट समर्पित कर दिया. उन्होंने एसएसपी को दिए गए स्पष्टीकरण के जवाब में कहा है कि, रिपोर्ट 2 में एसएसपी द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का अनुपालन कर सभी वरीय पदाधिकारियों से समीक्षा कराने के बाद ही मामले में नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल की.
जबकि क्राइम रीडर अनिल कुमार और टाइपिस्ट सजी अहमद द्वारा अभियुक्तों से मोटी रकम लेकर वरीय अधिकारियों को अंधेरे में रखकर हस्ताक्षर कराया गया. उन्होंने मामले में सिटी डीएसपी से इस बात की पुष्टि कराने की मांग की है. उधर एसएसपी ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सिटी डीएसपी शहरियार अख्तर को सौंप दी है.