निगम ने नहीं लिया संज्ञान, अब हंगामा

भागलपुर : नगर निगम का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. नये विवाद के रूप में वार्ड नंबर 38 के कलाली गली-सूता पट्टी में बन रहा नाला सामने आया है. पिछले चार माह से यहां नाला बन रहा है. काम अब पूरा होने जा रहा है, पर अभी तक इस नाले पर निगम की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2018 6:17 AM
भागलपुर : नगर निगम का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. नये विवाद के रूप में वार्ड नंबर 38 के कलाली गली-सूता पट्टी में बन रहा नाला सामने आया है. पिछले चार माह से यहां नाला बन रहा है. काम अब पूरा होने जा रहा है, पर अभी तक इस नाले पर निगम की ओर से कोई बात नहीं हुई थी. अब मंगलवार पांच जून को नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने इसको संज्ञान में लिया है. उन्होंने कहा कि निगम की जमीन पर गलत तरीके से यह नाला बनाया जा रहा है.
उन्होंने निर्माण करा रहे डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के खिलाफ नोटिस जारी करने और काम के जांच की बात कही. दूसरी ओर योजना शाखा प्रभारी आदित्य जायसवाल ने कहा कि बुधवार को निगम की टीम स्थल पर जायेगी और जांच करेगी कि काम कैसे हो रहा है. वहीं दूसरी ओर डिप्टी मेयर ने कहा कि इस काम के लिए खुद नगर आयुक्त ने ही मौखिक आदेश दिया है. उन्होंने प्रमाण के तौर पर नगर आयुक्त के साथ खुद की बातचीत का अॉडियो भी वायरल किया है. उन्होंने कहा कि नाले का निर्माण अंतिम चरण में है, नोटिस आये या कुछ और काम पूरा हो कर रहेगा.
नगर आयुक्त के खिलाफ हल्ला बोल का साइड इफेक्ट मान रहे लोग
जानकारी के अनुसार वार्ड 38 में कलाली गली और सूता पट्टी है. यह दोनों काफी महत्वपूर्ण बाजार है. रोज यहां लाखों का कारोबार होता है. यहां जल जमाव की समस्या आम है. इसको लेकर लोगों की मांग नाला की रही है. यह वार्ड डिप्टी मेयर राजेश वर्मा का है. चार माह पहले यहां नाला का निर्माण शुरू हुआ था. इस दौरान यह चर्चा आम रही कि काम निगम नहीं राजेश वर्मा करा रहे हैं. इससे संबंधित खबरें भी अखबारों में छपी, पर कहीं किसी ने संज्ञान नहीं लिया था.
वायरल अॉडियो में जो है
डिप्टी मेयर : सर, वार्ड 38 में आये हैं, सभी लोग हैं. यहां पांच सौ से हजार दुकानें हैं. पूरा पानी लबालब भरा हुआ है. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. सर, टेंडर प्रक्रिया में काफी समय लगेगा.
नगर आयुक्त : कितना खर्च आयेगा बताओ.
डिप्टी मेयर : छह-सात लाख का खर्च आ जायेगा वो बता रहे हैं. लेकिन हम लोग कह रहे हैं कि वो दो फेज में कर देते हैं. आपके हाथ में पांच लाख तक का है पावर. उसको दो फेज में कर देते हैं.
नगर आयुक्त : कर दो यार, जो कांट्रैक्टर ठीक है उससे करा दो.
डिप्टी मेयर : ठीक है सर
नगर आयुक्त : पर दो फेज में कराना, अपने पांच-पांच लाख से ज्यादा कर नहीं सकते.
डिप्टी मेयर : जी, हम पांच लाख के अंदर ही दो टेंडर में कर लेंगे.
नगर आयुक्त : और काम ठीक से दिखना चाहिए.
डिप्टी मेयर : जी सर
नगर आयुक्त : ठीक है करा लो राजेश तुम दो-चार बार बोल चुके हो करा लो.

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