भागलपुर: बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक राहुल सिंह ने संकुल समन्वयकों को कहा कि वे खुद को निरीक्षी पदाधिकारी न समङों. वे विद्यालय का नियमित अनुश्रवण करें, न कि निरीक्षण करें.
अनुश्रवण के बाद किसी भी परिस्थिति में प्रखंड संसाधन केंद्र को झूठी रिपोर्ट न सौंपें. श्री सिंह गुरुवार को टाउन हॉल में आयोजित शिक्षा पदाधिकारियों, बीआरपी व सीआरसीसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक के बाद खिरनी घाट स्थित डायट परिसर में श्री सिंह ने नि:शक्त बच्चों के लिए डे केयर सेंटर व कृत्रिम अंग अवयव निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया. इसमें प्रतिदिन नि:शक्त बच्चों की फिजियोथेरेपी की जायेगी. उन्हें कई अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी.
कमजोर बच्चों का शैक्षणिक स्तर ऊंचा करने में लगे रहें श्री सिंह ने कहा कि शिक्षक कमजोर बच्चों का शैक्षणिक स्तर ऊंचा करने में लगे रहें, लेकिन कभी भी उन बच्चों को अलग कमरे में न बैठायें. इससे बच्चों में हीन भावना आती है. वे अपने मूल वर्ग से अलग हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि जिलों में वार्षिक मिशन गुणवत्ता की माप का अभी तक प्रथम संस्था से मूल्यांकन कराया जाता रहा है, लेकिन निकट भविष्य में शिक्षा विभाग द्वारा ही शिक्षा की गुणवत्ता की जांच कराने की योजना बनायी गयी है. सीआरसीसी के अनुरोध पर निदेशक ने कहा कि बच्चों की वार्षिक परीक्षा ली जा सकती है, लेकिन किसी भी बच्चे को फेल न किया जाये.
इस मौके पर जिलाधिकारी बी कार्तिकेय, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक राधे प्रसाद, अपर समाहर्ता श्यामल किशोर पाठक, अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी सूर्यदेव कुमार पासवान, सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ देवेंद्र कुमार झा, स्थापना शाखा के डीपीओ सुभाष कुमार गुप्ता, माध्यमिक शिक्षा के डीपीओ पवन कुमार आदि मौजूद थे.