थानेदार करा रहे चेकिंग की फोटाेग्राफी व वीडियोग्राफी
वाहन चेकिंग और ज्यादा कारगर बनाने को दिया गया नया निर्देश वाहन चेकिंग में कोताही करने वाले पदाधिकारियों पर सख्ती के लिए जारी हुआ निर्देश भागलपुर : शहर में बढ़ती गाड़ी चोरी की घटनाओं को देखते हुए भागलपुर पुलिस एक नया प्रयोग कर रही है. जिलाभर के थानेदार अब अपने विभिन्न इलाकों में होने वाली […]
वाहन चेकिंग और ज्यादा कारगर बनाने को दिया गया नया निर्देश
वाहन चेकिंग में कोताही करने वाले पदाधिकारियों पर सख्ती के लिए जारी हुआ निर्देश
भागलपुर : शहर में बढ़ती गाड़ी चोरी की घटनाओं को देखते हुए भागलपुर पुलिस एक नया प्रयोग कर रही है. जिलाभर के थानेदार अब अपने विभिन्न इलाकों में होने वाली वाहन चेकिंग की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया गया है. इस नए प्रयोग का मुख्य उद्देश्य अपराध नियंत्रण के लिए सुरक्षात्मक कदम, मोटरसाइकिल और कार चोरी के बढ़ते मामलों पर नकेल के साथ वाहन चेकिंग में लापरवाही करने वाले पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध करना है.
बता दें कि विगत डेढ़ माह में शहर में चलाए गए एस ड्राइव के दौरान सघन वाहन चेकिंग के दौरान वाहन चेकिंग और कटे फाइन की संख्या में दिन प्रतिदिन गिरावट आने के बाद इस नए प्रयोग का इस्तेमाल किया गया है. ताकी वाहन चेकिंग में सख्ती लायी जा सके. इस नए प्रयोग में जिला के सभी थानों की पुलिस को अपने क्षेत्र के जिन जगहों पर वाहन चेकिंग की गयी उसकी फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी कराकर अपने वरीय पदाधिकारियों या अधिकारियों को भेजना होता है. इससे वाहन चेकिंग रिपोर्ट में पदाधिकारियों द्वारा बनाए गए फर्जी आंकड़ों को पकड़ा जा सके.
छात्र बता लॉजों में रह रहे बाइक चोर गिरोह के सदस्य
सूत्रों के मुताबिक शहर में विगत कुछ माह में मोटरसाइकिल चोरी के मामलों में आयी बढ़ोतरी के बाद पुलिस ने इस दिशा में सख्ती दिखायी है. जिसके बाद बाइक चोर गिरोहों ने भी अपना तरीका बदल दिया. जानकारों की मानें तक शहर में चोरी होने वाले अधिकांश मोटरसाइकिल दूसरे जिलों के बाइक चोर गिरोह बाहर से आते हैं और चोरी के बाद बाइक लेकर जिला के बाहर चले जाते हैं. बाइक चोर गिरोह के सदस्य शहर के विभिन्न लॉज में अपना नाम और पहचान बदलकर रहते हैं. यह गिरोह यहीं रहकर बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है.
रेंटर वेरिफिकेशन नियम ताक पर
विगत वर्ष तत्कालीन एसएसपी ने जिलेभर के थानेदारों को अपने इलाके में चलने वाले लॉज, हॉस्टल और किराएदारों को चिह्नित कर वेरिफिकेशन का निर्देश दिया था. बकायदा इस नियम के लिए थानों में रेंटर वेरिफिकेशन फॉर्म भी जारी किया गया. उस वक्त इस नियम को सख्ती से लागू कराने के बाद इस दिशा में पहल तो हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में इस निर्देश की भी हवा निकल गयी. कुछ लॉज-हॉस्टल संचालकों और मकान मालिकों ने नियम का पालन कर वेरिफिकेशन फॉर्म भरवाकर जमा भी करवाया गया, लेकिन अधिकांश ने इस निर्देश का पालन नहीं किया. मगर पुलिस द्वारा न तो जमा करवाए गए वेरिफिकेशन फॉर्म का सत्यापन करवाया गया और न ही फॉर्म नहीं जमा करने वालों के विरूद्ध कार्रवायी की गयी.