मेडिकल कचरा पर सख्ती 25 अन्य ने कराया िनबंधन
असर. वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने काम छोड़ने की दी थी धमकी भागलपुर : मेडिकल कचरे को लेकर आयुक्त की सख्ती और प्रभात खबर के अभियान का असर शहर के निजी क्लिनिक आैर पैथोलेब संचालक पर दिखने लगा है. महज दस दिन में मेडिकल सिनर्जी कंपनी से 25 से ज्यादा क्लिनिक और पैथौलैब संचालकों ने निबंधन […]
असर. वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने काम छोड़ने की दी थी धमकी
भागलपुर : मेडिकल कचरे को लेकर आयुक्त की सख्ती और प्रभात खबर के अभियान का असर शहर के निजी क्लिनिक आैर पैथोलेब संचालक पर दिखने लगा है. महज दस दिन में मेडिकल सिनर्जी कंपनी से 25 से ज्यादा क्लिनिक और पैथौलैब संचालकों ने निबंधन करा लिया है. हालांकि अब भी कंपनी लक्ष्य से काफी पीछे है. शहर में 350 से ज्यादा क्लिनिक और पैथौलैब संचालित हो रहे हैं. वर्तमान में 800 किलो से ज्यादा मेडिकल कचरा प्रत्येक दिन शहर के क्लिनिकों से निकलता है. जबकि कंपनी के पास सिर्फ 450 किलो कचरा आता है. इस स्थिति में अब भी शहर में आधा से अधिक मेडिकल कचरा सड़कों व गलियों में फेंका जा रहा है.
कंपनी के सहायक कर्मचारी तपन कुमार ने बताया कि, क्लिनिक संचालकों से बात हो रही है. अब तक 25 से ज्यादा क्लिनिक व पैथोलैब संचालकों ने निबंधन कराया है. ईद के बाद तीन दर्जन से ज्यादा क्लिनिक और पैथौलैब संचालकों ने निबंधन कराने की बात कही है. इस माह के अंत हमारा लक्ष्य है कि हम अपना आंकड़ा दो सौ से ज्यादा कर लें.
तीन दर्जन से ज्यादा क्लिनिक व पैथोलैब संचालक भी जल्द करवायेंगे निबंधन
आइएमए को भेजी रिपोर्ट
कंपनी की ओर से आइएमए अध्यक्ष डॉ एसपी सिंह को भी मेडिकल कचरे का रिपोर्ट भेजी गयी है. तपन के अनुसार अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि संगठन इसको लेकर जल्द ही बैठक आयोजित करेगा. इसमें सभी क्लिनिक संचालकों से निबंधन का आग्रह किया जायेगा. उम्मीद है जिला प्रशासन व आइएमए के सहयोग से हम शहर में निकलने वाले मेडिकल कचरे का निष्पादन सफलता पूर्वक करने में सफल होंगे.
प्रभात खबर में प्रकाशित खबर पर लिया गया संज्ञान प्रभात खबर मेडिकल कचरे को लेकर पिछले काफी दिनों से अभियान चला रहा है. प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए आयुक्त ने अधिकारियों की बैठक बुलाकर मेडिकल वेस्ट के बेहतर प्रबंधन का निर्देश दिया था. इसके बाद एसडीओ, सीएस, अस्पताल अधीक्षक ने सिनर्जी कंपनी के प्लांट का निरीक्षण किया था. अधिकारियों ने विस्तृत रिपोर्ट कंपनी के अधिकारियों से मांगी थी. प्रशासन के कड़े तेवर के बाद आइएमए भी सक्रिय हुआ. जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. इसमें और सुधार की जरूरत है.