पहले मांगी 500 एकड़ जमीन, अब कहा, 200 में सिमटाओ, फंसा पेच
2015 में वित्त मंत्री ने संसद में की थी विवि की घोषणा भागलपुर : वर्ष 2015 में संसद से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भागलपुर के कहलगांव में विक्रमशिला खुदाई स्थल के निकट केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार की योजना पर मानव संसाधन मंत्रालय ने शिक्षा विभाग को 500 एकड़ जमीन […]
2015 में वित्त मंत्री ने संसद में की थी विवि की घोषणा
भागलपुर : वर्ष 2015 में संसद से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भागलपुर के कहलगांव में विक्रमशिला खुदाई स्थल के निकट केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार की योजना पर मानव संसाधन मंत्रालय ने शिक्षा विभाग को 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का निर्देश दिया. तत्कालीन शिक्षा विभाग के अपर सचिव के सैंथिल कुमार ने प्रशासन से जमीन की मांग की. उनके प्रस्ताव पर तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने शिक्षा विभाग के अपर सचिव को तीन अलग-अलग मौजा की चिह्नित जमीन का अधिग्रहण दर सहित प्रस्ताव भेज दिया.
करीब एक साल बाद राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर कहा कि 500 एकड़ के बदले 200 एकड़ में केंद्रीय विवि की जमीन का मामला सिमटाओ. दोबारा से डीएम ने कहलगांव डीसीएलआर व अंचलाधिकारी को 500 एकड़ के प्रस्ताव को लौटाते हुए 200 एकड़ में प्रस्ताव बनाकर देने का निर्देश दिया. अब स्थानीय अफसर इस पसोपेश में हैं कि पहले के प्रस्ताव में किधर से जमीन काटे और किधर जोड़ें.
एक जगह जमीन का प्रस्ताव भेजा तो लौटाते हुए तीन जगह मांगा : विक्रमशिला केंद्रीय विवि को लेकर शुरू में एक जगह का जमीन का प्रस्ताव भेजा गया. जिसे लौटाते हुए तीन प्रस्ताव देने के लिए कहा गया. इस तरह तीन प्रस्ताव को बाजार मूल्य यानी एमवीआर का आकलन करते हुए 203 करोड़ से लेकर 356 करोड़ रुपये जमीन खरीद पर खर्च होने के बारे में पत्र भेजा.
वर्ष 2015 में वित्त मंत्री ने की थी घोषणा : वर्ष 2015 में संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भागलपुर को केंद्रीय विवि का तोहफा दिया था. तब से लेकर अब तक जमीन तय करने का मामला चल रहा है. जनवरी 2017 में 500 एकड़ की एक जमीन का प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया था. केंद्र सरकार ने इस एकल जमीन के प्रस्ताव को वापस कर कहा था कि तीन प्रस्ताव दें. इसके बाद जिला प्रशासन ने विक्रमशिला और अंतीचक के आसपास की जमीन चिह्नित किया.
यह है स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र का प्रस्ताव : स्वतंत्रता सेनानी स्व डॉ शशिभूषण मंडल के पुत्र डॉ ब्रजमोहन मंडल ने तीन फरवरी 2017 को जिलाधिकारी को कहलगांव में पारिवारिक 800 एकड़ मरोसी जमीन का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा था कि 800 एकड़ जमीन के पास में ही पर्यटन विभाग 1103.8 एकड़ पर सौंदर्यीकरण की कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि परिवार के सभी सदस्यों ने विक्रमशिला विवि की स्थापना को लेकर जमीन के अधिग्रहण को लेकर सहमति जतायी है. उन्होंने कहा कि सरकार 500 एकड़ जमीन लेने के बाद शेष जमीन को वे अपने प्रयोग के लिए रखेंगे. उन्होंने सरकार से भू अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधान के तहत जमीन अधिग्रहण की राशि देने की मांग की है.
विवि के लिए तीन अलग-अलग जमीन का गया था प्रस्ताव जमीन खरीद पर करीब चार करोड़ की राशि का हुआ था आकलन
यह दिये गये थे जमीन के तीन प्रस्ताव
प्रथम प्रस्ताव: नंदगोला, अंतीचक और सिंगलबैता मौजा.
बजट की मांग: 3563651251 रुपये.
दूसरा प्रस्ताव: एकडारा, सिंगलबैता और परशुरामचक मौजा.
बजट की मांग: 2422361972 रुपये.
तीसरा प्रस्ताव: किसनदासपुर और मोहनपुर गौघट्टा मौजा.
बजट की मांग: 2038125010 रुपये.
यह थे मौजा में जमीन के आंकड़े
नंदगोला मौजा की 160.36 एकड़, सिंगलबैता मौजा का 263.84 और 88.52 एकड़, अंतीचक मौजा का 75.39 एकड़, एकडारा मौजा का 214.18 एकड़, परशुरामचक मौजा का 198.08 एकड़, किसनदासपुर मौजा का 288.84 एकड़, मोहनपुर गौघट्टा मौजा का 207.75 एकड़.
यह है केंद्रीय विवि के जमीन चयन का सफर
केंद्र ने केंद्रीय विवि के लिये 500 एकड़ जमीन अधग्रिहण का तीन प्रस्ताव मांगा.
21 मार्च 2016 को नंदगोला, सिंगलबैता मौजा व अंतीचक की पांच सौ एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा.
जमीन के एवज में 300 करोड़ रुपये जमीन खरीद के बजट की मांग हुई.
17 जनवरी 2017 को शिक्षा विभाग ने केंद्रीय विवि की जमीन का दोबारा तीन प्रस्ताव मांगा.
21 मार्च 2017 को कहलगांव के एसडीओ, डीसीएलआर व अंचलाधिकारी जमीन खोजने में लगे.
12 जून 2017 को भूमि अर्जन ने डीएम के पास दर आकलन का प्रस्ताव बनाकर भेजा.
26 जून 2017 को डीएम ने प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए शिक्षा विभाग के पास पत्र भेजने के निर्देश दिये.
विक्रमशिला नागरिक समिति ने दिल्ली में डेरा डाला, नेताओं से मिले
कहलगांव के विक्रमशिला नागरिक समिति के संयोजक डॉ नरेंद्र कुमार जायसवाल व सचिव जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता अपने नौ से 11 जून तक दिल्ली में डेरा डालकर केंद्रीय विवि की स्थापना को लेकर केंद्रीय मंत्री व विपक्ष के प्रमुख राहुल गांधी के दरबार में मांग को पहुंचाया. हर जगह से जवाब मिले, जिससे उनमें कुछ उम्मीद जग गयी है. समिति ने अपने मांग पत्र में कहा कि पीएम ने 500 एकड़ में विवि बनाने की बात कही थी, राज्य सरकार ने उसका कद छोटा कर 200 एकड़ कर दिया है. विक्रमशिला स्टेशन को पर्यटन के रूप में विकसित करने तथा वहां से दिल्ली तक सुपरफास्ट ट्रेन खोलने की भी मांग रखी.
यह रहे दिल्ली में केंद्रीय स्तर के जनप्रतिनिधियों के बोल
मुख्तार अब्बास नकवी: मैं पीएम से बात करूंगा. राज्य सरकार ने यह गलत किया है.
राधा मोहन सिंह: पीएम से गंभीर विषय पर चर्चा करुंगा. शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार मोतिहारी व विक्रमशिला से दुर्व्यवहार कर रही है.
प्रकाश जावेडकर: इस मामले को देखते हैं. कुछ न कुछ ठोस निर्णय लेंगे.
महेश जाजू: (नाराजगी भरी) राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विक्रमशिला खुदाई स्थल के पास विवि बनाने में कंजूसी. वहां पर 500 एकड़ के बदले 1500 एकड़ जगह में विवि बनाना चाहिए. आगे चुनाव में भी बीजेपी को बिहार में उतरना है. अगर पीएम की घोषणा पूरी नहीं हुई तो यह पार्टी की प्रतिष्ठा का हनन होगा.
डॉ जितेंद्र सिंह: एक सप्ताह के भीतर पीएम से बात करके राज्य सरकार के पास दोबारा दिशा निर्देश भेजते हैं.
नोट: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से समिति सदस्यों की मुलाकात नहीं हो पायी. मगर उनका मांग पत्र वहां पर पहुंचा दिया गया.