गर्मी फुल, बिजली गुल, चि‍लचिलाती गर्मी में जीना हुआ मुहाल

भागलपुर : मध्य शहर में बिजली संकट जारी है. उमस भरी इस गर्मी में बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों का दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है. कभी दिन में कई घंटे तो कभी रात में बिजली काट दी जाती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2018 5:53 AM
भागलपुर : मध्य शहर में बिजली संकट जारी है. उमस भरी इस गर्मी में बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों का दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है. कभी दिन में कई घंटे तो कभी रात में बिजली काट दी जाती है. इसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मध्य शहर में इन दिनों भीषण गर्मी ने लोगों को हलकान कर दिया है. ऊपर से बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों को हैरान-परेशान कर दिया है. सोमवार को सुबह छह बजे से तकरीबन आठ बजे तक घंटाघर और भीखनपुर फीडर क्षेत्र में रह-रहकर बिजली झटके देती रही. इसके बाद अचानक सिविल सर्जन विद्युत उपकेंद्र से ही बिजली ठप हो गयी.
इस लाइन पर टीटी विद्युत उपकेंद्र रहने से इसके इलाके की भी बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो गयी. दोपहर तकरीबन 12 बजे तक बिजली ठप रही. इसके बाद भी जब बिजली आयी तो स्थिर से नहीं रही. हर मिनट आती-जाती रही. लंबी कटौती तक भी हुई. यह सिलसिला दिनभर चलता रहा. अधिक समय तक कटौती के कारण इंवर्टर की बैट्री भी पूरी तरह से चार्ज नहीं हो सकी, जिससे समस्या बढ़ती चली गयी. लोगों ने बताया कि पावर कट के कारण इनवर्टर भी जल्द जवाब दे जाते हैं. लोग इस अघोषित कटौती से परेशान हैं.
बिजली संकट : दिन का चैन और रात की नींद छीनी
बिजली के बिना नींद अधूरी, हो रहे बीमार: दिन में लोग बिजली न आने पर किसी तरह काम चला लेते हैं, मगर रात में बिजली न आने पर लोगों की रात की नींद पूरी नहीं हो पा रही है, जिससे अगले दिन की दिनचर्या प्रभावित हो रही है. सोने के समय बिजली कटौती होने के कारण लोगों की नींद में भारी खलल पड़ रही है. इसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं. लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को लेकर है. बच्चों की तबीयत खराब हो रही है. स्कूल खुलने वाला है और अभिभावक अभी से चिंतित हैं. मगर, बिजली सप्लाई के नाम पर हालात को सुधारने में कोई ध्यान नहीं दे रहा है. बिजली सप्लाई को सुचारू बनाया जाये, वरना लोगों की मुसीबतें अभी और बढ़ेंगी.

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