जांच और इलाज अब तक अस्पताल से दूर
भागलपुर : बरसात शुरू होते ही मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ने लगा है. जिले के दो बड़े अस्पतालों में अब तक इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं है. आलम यह है डेंगू होने के बाद इसकी जांच के लिए कीट भी उपलब्ध नहीं है. डेंगू-मलेरिया के प्रिवेंशन (बचाव) से लेकर जांच-इलाज की व्यवस्था सब कुछ […]
भागलपुर : बरसात शुरू होते ही मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ने लगा है. जिले के दो बड़े अस्पतालों में अब तक इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं है. आलम यह है डेंगू होने के बाद इसकी जांच के लिए कीट भी उपलब्ध नहीं है. डेंगू-मलेरिया के प्रिवेंशन (बचाव) से लेकर जांच-इलाज की व्यवस्था सब कुछ भगवान भरोसे है.
जिले में मुख्य रूप से मायागंज और सदर अस्पताल में ही डेंगू की जांच होती है. पिछले साल स्वास्थ्य केंद्र में दोनों रोग की जांच के लिए कीट सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराया था, लेकिन इस बार अभी तक डेंगू का किट उपलब्ध नहीं है. मलेरिया और डेंगू के मरीज बिहार के 11 जिले से आैर झारखंड से मायागंज अस्पताल आते हैं.मलेरिया, डेंगू ,कालाजार समेत अन्य मच्छरों से होने वाले रोगों पर अंकुश लगाने के लिए मलेरिया विभाग और नगर निगम शहर में सक्रिय नहीं हुआ है. लार्वा से मच्छर पैदा होता है, इसे खत्म करने के लिए फागिंग जरूरी है.
कीट से होती है जांच
मायागंज अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग में डेंगू का जांच रैपिड किट (एनएस1 एजी) व आइजीजी – आइजीएम किट और मलेरिया का रैपिड किट (पीवी पीएफ)से होता है. डेंगू को कन्फर्म करने के लिए एलिजा टेस्ट किया जाता है.
किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं पहुंचा है किट
नाथनगर रेफरल अस्पताल के मैनेजर विनय उपाध्याय ने बताया कि अस्पताल में मलेरिया जांच के लिए कीट उपलब्ध है. डेंगू बीमारी की जांच के लिए पिछले साल किट उपलब्ध कराया गया था. इस बार अब तक किट नहीं आया है. डेंगू के मरीज जो भी यहां मिलते हैं, उसे मायागंज अस्पताल भेजा जाता है.
अस्पताल में नहीं है बेड
डेंगू मरीजों की जांच के लिए सदर अस्पताल में कोई वार्ड नहीं है. यहां आने वाले मरीजों को सीधे मायागंज अस्पताल भेज दिया जाता है. पिछले साल डेंगू के संदिग्ध 13 मरीजों की मौत हुई थी, जिसमें आठ भागलपुर से थे. सदर अस्पताल के कर्मचारी भी पिछले साल डेंगू के चपेट में आ चुके हैं.