भागलपुर : बबलू गुप्ता की मायागंज अस्पताल में मौत के बाद इसके शव को पोस्टमार्टम हाउस लाया गया. लाश को घर तक ले जाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं था. गरीबी की मार झेल रहे परिजनों के पास इतनी रकम नहीं थी कि बबलू की घर तक की यात्रा सम्मान के साथ पूरा करे. विवश परिजन अधिकारियों के सामने प्रतिबंधित जुगाड़ गाड़ी पर शव लाद कर अपने साथ लेकर चले गये.
अस्पताल और नगर निगम में है शव वाहन
लाश को घर तक पहुंचाने के लिए मायागंज अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध है. इमरजेंसी में इसका प्रयोग किया जाता है. लेकिन तीन मौत के बाद भी पोस्टमार्टम हाउस के बाहर शव वाहन को खड़ा करना किसी ने भी उचित नहीं समझा. इस बीच जिला प्रशासन इसमें लगा था कि किसी तरह से लाश परिजनों को सौंप कर इससे छुटकारा मिले. इस पूरे मामले पर अधिकारियों ने चुप्पी साध लिया.
हमारे पास कफन का पैसा नहीं कहा से एंबुलेंस
बबलू घर का एक मात्र कमाने वाला सदस्य था. हलवाई का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. परिवार में मां पिता की मौत पहले ही हो चुका है. घर में पत्नी रेखा अपने एक बेटी और बेटा के साथ थी . बबलू के रिश्तेदारों ने कहा कि घटना अचानक हुई . हमारे पास कफन के लिए रुपया नहीं है. जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी हमारे पास नहीं आये. मुआवजा की बात कोई नहीं कर रहा है. हमारे पास रुपया नहीं है कि हम अपने बबलू के शव को सम्मान के साथ ले जा सके. ऐसे में जो रुपया हमें चंदा के बाद एकत्र हुआ उसी से दाह संस्कार करेंगे.