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भागलपुर : बिहार प्रभारी के सामने आपस में ही भिड़े कांग्रेसी कार्यकर्ता, कमीज फाड़ी, पकड़े कॉलर

भागलपुर : स्थानीय ऐतिहासिक कांग्रेस भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंदर का गुबार इस तरह भड़का कि एक बार फिर लोगों को इसी भवन में 21 मई, 2012 के दिन की घटना याद आ गयी. जिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन शुक्रवार को था. इसमें जब विधायक अजीत शर्मा और प्रवीण सिंह कुशवाहा गुट के कार्यकर्ता […]

भागलपुर : स्थानीय ऐतिहासिक कांग्रेस भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंदर का गुबार इस तरह भड़का कि एक बार फिर लोगों को इसी भवन में 21 मई, 2012 के दिन की घटना याद आ गयी. जिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन शुक्रवार को था. इसमें जब विधायक अजीत शर्मा और प्रवीण सिंह कुशवाहा गुट के कार्यकर्ता इस तरह आपस में भिड़ गये कि यह भी याद नहीं रहा कि सम्मेलन में लोकसभा चुनाव की तैयारी पर मंथन करना है. इतना लिहाज भी नहीं रखा गया कि बिहार प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. महज 20 मिनट चले हंगामे में स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि किसी ने किसी की कमीज फाड़ी, तो किसी ने किसी का कॉलर तक पकड़ लिया. ज्ञात हो कि इसी भवन में वर्ष 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ता इसी तरह भिड़ गये थे.

स्थान कांग्रेस भवन, दीप नगर

समय 1.00 बजे

कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में जिले भर के पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ता का जुटान हुआ था. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव सह प्रदेश प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर कांग्रेस भवन पहुंचे और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.

समय 1: 20 बजे

कई पदाधिकारियों ने भाषण दिया. कांग्रेस जिलाध्यक्ष बाहर रहने के कारण नहीं आये. जिला महासचिव सह प्रवक्ता विपिन बिहारी यादव ने बोलना शुरू किया, तो पार्टी के कुछ नेताओं की ओर भी इशारा किया, इस पर मंच का संचालन कर रहे जिला उपाध्यक्ष अभय आनंद ने इसका विरोध किया.

समय 1:45 बजे

जब एआइसीसी सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा का नाम भाषण देने के लिए दिया गया, तो उनके समर्थन में समर्थकों ने जिंदाबाद का नारा लगाना शुरू किया. इस पर विधायक अजीत शर्मा के समर्थकों ने भी विधायक के समर्थन में नारे लगाये. श्री कुशवाहा ने अपने समर्थकों से कहा कि नारा लगाना है, तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी का लगाओ. संबोधन में कहा कि मुझे भागलपुर से चुनाव नहीं लड़ना है. 2005 में चुनाव लड़ा और 31 हजार से अधिक वोट लाया. उन्होंने सदानंद सिंह, उपाध्यक्ष अभय आनंद के बारे में टिप्पणी की. उसके बाद विधायक अजीत शर्मा जैसे ही बोलने उठे, तो जिंदाबाद के नारे लगने लगे. इसके बाद मामला बिगड़ने लगा और दोनों ओर से समर्थन मंच की तरफ गये और आपस में भीड़ गये हंगामा करने लगे. भीड़ क्या प्रभारी के सामने ही आपस में विधायक अजीत शर्मा और एआइसीसी के सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा के समर्थक आपस में भीड़ गये. इस घटना में कहलगांव के सदानंद सिंह भीड़ में असहज होने लगे, तो उन्हें एक जगह बैठाया गया.

समय : 2.44 बजे

घटना को देखते हुए प्रदेश प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर बैठक से उठकर निकल गये और अपनी कार में बैठ कर चले गये. उन्हें एआइसीसी सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा ने मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. आखिरकार सम्मेलन हंगामे की भेंट चढ़ गया.

पार्टी का अंदरूनी मामला : राठौर

हंगामे के बाद बैठक से उठकर अपनी कार में बैठने के लिए जा रहे बिहार प्रभारी श्री राठौर ने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. फिर कार में बैठ कर निकल गये.

कुछ कार्यकर्ता अहंकार में डूब गये हैं : सदानंद

कहलगांव विधायक सदानंद सिंह ने बताया कि कुछ कार्यकर्ता अहंकार में डूब गये हैं. अपनी धरती नहीं देखते हैं. विधायक जनता चुनती है. उन्होंने इशारे में ही अपने विरोधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता और पार्टी के समर्थन के बाद भी आप पराजित हो जाते हैं.

जो हुआ, दुख की बात है : अजीत शर्मा

भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने बताया कि यह घटना बहुत ही दुखद है. 15 से 20 लड़के जो पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे, यहां पहुंच कर किसी के इशारे पर यह सब किया. यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है. जिनको टिकट नहीं मिलता है, यह उनकी खीज है.

घटना दुर्भाग्यपूर्ण : प्रवीण सिंह कुशवाहा

एआइसीसी के सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा ने सम्मेलन में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने बताया कि बिहार प्रभारी के समक्ष सारी बातें हुई. जिला के बड़े नेताओं को बड़ा दिल रखना चाहिए.

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