बरसात के इंतजार में बाजार ” मौन-सून ”
भागलपुर . एक ओर जहां कम बारिश ने सुखाड़ जैसे हालात पैदा कर किसानों के चेहरे मुरझा दिए, वहीं बरसात के इंतजार में शहर के बाजार से भी रंगत रुख्सत है. हालात यह है कि, बरसात के मौसम में इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर सामानों की डिमांड अभी तक शुरू नहीं होने की वजह से […]
भागलपुर . एक ओर जहां कम बारिश ने सुखाड़ जैसे हालात पैदा कर किसानों के चेहरे मुरझा दिए, वहीं बरसात के इंतजार में शहर के बाजार से भी रंगत रुख्सत है. हालात यह है कि, बरसात के मौसम में इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर सामानों की डिमांड अभी तक शुरू नहीं होने की वजह से कारोबारियों के बरसाती सामानों के स्टॉक गोदामों में ही पड़े हैं.
ऐसे में लगन समाप्त होने के बाद ऑफ सीजन में कारोबारी अब दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. कारोबारी मानसून संबंधित माल में पूंजी फंसा ऊहापोह में हैं. उनके कारोबार में 30 फीसदी तक की गिरावट आयी है.
चप्पल-जूता खरीदने में हिचक रहे ग्राहक, कारोबारी परेशान : कम बारिश होने के कारण ग्राहक बरसाती चप्पल जूते-चप्पल खरीदने से परहेज कर रहे हैं. इसके विपरीत थोक कारोबारी दुकान में माल स्टॉक कर चुके हैं, लेकिन खुदरा दुकानदार माल उठाने से बच रहे हैं. इससे थोक कारोबारी का पूंजी फंस चुका है और कारोबार शून्य है. कारोबार स्थिर होने से व्यापारियों की परेशानी बढ़ गयी है. थोक जूता-चप्पल कारोबारी मो अयाज ने बताया कि अपनी दुकान में चमड़े के जूते-चप्पल लाना बंद कर दिया था, ताकि अब बरसाती चप्पल-जूते ही बिकेंगे. लेकिन इनकी बिक्री इस सीजन में शुरू ही नहीं हो पाई.
धूप वाले छाता की हो रही बिक्री, रेनकोट पड़े बेकार : छाता कारोबारी राहुल जाजोदिया ने बताया कि पिछले साल समय पर बारिश शुरू होने से छाता और रेनकोट की बिक्री शुरू हो गयी थी. इस बार धूप से संबंधित छाता की बिक्री थोड़ी-बहुत हो रही है, लेकिन रेनकोट के लिए कोई पूछता तक नहीं है. जबकि रेनकोट ऑर्डर देकर मंगा चुके हैं. इससे कारोबार स्थिर सा हो गया है. 30 प्रतिशत ही कारोबार बच गया है. इधर पॉलीथिन कारोबारी का भी यही हाल है.