भागलपुर: अब अगर आपने अपने बैंक खाते से 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं किया तो आपका पैसा भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआइ) को चला जायेगा. आरबीआइ इन खातों से प्राप्त रकम को डिपोजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर कर देगा, ताकि इस राशि से डिपोजिटर के बीच शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलायी जा सके.
रिजर्व बैंक ने इसके लिए बैंकों को निर्देश जारी कर दिया है. निर्देश मिलते ही बैंकों ने तत्काल यह व्यवस्था लागू भी कर दी है. खाते की दावेदारी नहीं होने की स्थिति में बैंक 10 साल की समाप्ति के तीन माह के अंदर रिजर्व बैंक को पैसा भेज देगा. बैंकों को ऐसे लेन-देन की जानकारी और खातों का पैसा आरबीआइ के पास हर माह की 15 तारीख को रिटर्न के साथ जमा करना है.
लावारिस पैसा ग्राहकों के जागरूकता पर होंगे खर्च : इस तरह के खातों से प्राप्त राशि को आरबीआइ भी अपने पास नहीं रखेगा, बल्कि ग्राहकों की जागरूकता पर खर्च करेगा. यह पैसा अन्य डिपोजिटर को ब्याज के रूप में भी दिया जा सकता है.
दावेदारी के बाद वापस मिल सकता पैसा : बैंक अधिकारियों के अनुसार अगर 10 साल के बाद पैसों की दावेदारी करने कोई आता है, तो बैंक उन्हें खाता चलाने की अनुमति देगा. साथ ही उनके फंड को भी वापस करेगा. यह फंड डिपोजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम से वापस होगा. इसके लिए दावेदारों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.