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सन 2030-34 के मध्य भागलपुर में आ सकता है भूकंप

भागलपुर : 65 मिलियन साल पहले धरती दक्षिणी गोलार्द्ध में था, जाे अब खिसक कर उत्तरी गोलार्द्ध में पहुंच चुका है. इससे समय-समय पर भूकंप आना तय है. भूकंप नेपाल और बिहार के बॉर्डर के पास आ रहा है. 1833 में भूकंप 7.3 मेग्नीटाइड के साथ आया था. 1934 में आठ और 2030 से 34 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2018 7:24 AM
भागलपुर : 65 मिलियन साल पहले धरती दक्षिणी गोलार्द्ध में था, जाे अब खिसक कर उत्तरी गोलार्द्ध में पहुंच चुका है. इससे समय-समय पर भूकंप आना तय है. भूकंप नेपाल और बिहार के बॉर्डर के पास आ रहा है. 1833 में भूकंप 7.3 मेग्नीटाइड के साथ आया था. 1934 में आठ और 2030 से 34 के बीच भी भूकंप भागलपुर व आसपास क्षेत्रों में तबाही मचा सकता है. 1934 में मुंगेर में भूकंप से 500 लोग मरे थे. इसके लिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है.
उक्त बातें नासा के युवा वैज्ञानिक रितेश मिश्रा ने रविवार को कहीं. मौका था कैंप बिहार की ओर से मंदरोजा खाटू श्याम मंदिर में आयोजित आने वाले समय में संभावित त्रासदी एवं इससे बचाव विषयक परिचर्चा का. कार्यक्रम की अध्यक्षता संयोजिका पूर्व डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर ने की, जबकि मंच का संचालन मनीष मिश्रा ने किया. अतिथियों का स्वागत अध्यक्ष डॉ मृणाल शेखर ने किया. वैज्ञानिक रितेश ने बताया कि, प्रत्येक साल यूरेशियम प्लेट लगभग पांच सेंटी मीटर खिसकता जा रहा है. इससे पृथ्वी पर दबाव बढ़ रहा है.
प्रदेश का बड़ा हिस्सा गंगा के किनारे बसा है और जब यूरेशियम प्लेट टूटेगा तो भागलपुर में भारी तबाही मचेगी. लोगों को इसके लिए भूकंपरोधी मकान बनाना चाहिये, न कि ऊंचा घर. डाॅ रितेश ने बताया कि वायु में सूक्ष्म धूलकण 2.5 पीएम पार्टीकुलर की है, जो मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इससे प्रजनन संबंधी, शिशु रोग व त्वचा रोग हो रहे हैं. तापमान में नियंत्रण करने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाना होगा. पौधारोपण, ईंधन का प्रयोग सोच-समझ करना चाहिए. सामूहिक यातायात व्यवस्था पर अधिक जोर देना होगा. अब एक-एक लोग बड़े वाहन लेकर निकल जाते हैं. इससे वातावरण प्रदूषित होता है.
प्रश्नोत्तरी के जरिये किया छात्रों की शंका का समाधान
कार्यक्रम में तेरापंथी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज जैन बैताला ने कहा कि, प्रकृति द्वारा सबकुछ मिला है, लेकिन हम इसका दुरुपयोग कर रहे हैं. इसपर ध्यान देना होगा. कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम से हुआ. इसमें उपस्थित लोगों ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक से एक-एक प्रश्न कर शंका समाधान किया. इस मौके पर नभय चौधरी, पद्म जैन, लालू शर्मा, संतोष अग्रवाल, हरिवंशमणि सिंह, चंदना चौधरी, सुनीता सराफ, नीतीन भुवानिका, जिया गोस्वामी, श्वेता सिंह, जॉनी संथालिया, तरुण घोष, अशोक सरकार, बबीता सिंह, सोनू घोष आदि उपस्थित थे.

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