धमका कर ले ली फाइल और वाट्स-एप पर किया वायरल
भागलपुर : 31 जुलाई को क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक ने मायागंज अस्पताल के लेखापाल को डरा धमका कर अकाउंट की योजना से जुड़े सभी फाइल को जांच के नाम पर लिया. जांच के बाद सुझाव देने के बदले प्रबंधक ने कैशबुक को वाट्सअप ग्रुप पर वायरल कर दिया. मामला सामने आते ही अस्पताल अधीक्षक गर्म हो […]
भागलपुर : 31 जुलाई को क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक ने मायागंज अस्पताल के लेखापाल को डरा धमका कर अकाउंट की योजना से जुड़े सभी फाइल को जांच के नाम पर लिया. जांच के बाद सुझाव देने के बदले प्रबंधक ने कैशबुक को वाट्सअप ग्रुप पर वायरल कर दिया. मामला सामने आते ही अस्पताल अधीक्षक गर्म हो गये और सीधे क्षेत्रीय उपनिदेशक और कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति को प्रबंधक के खिलाफ पत्र लिख दिया है.
पत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि, प्रबंधक का यह कार्य उदंडता का द्योतक है. इनके खिलाफ कार्रवाई होने ही चाहिए. आगे अधीक्षक ने लिखा है कि क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक भागलपुर अपनी टीम के साथ मायागंज अस्पताल परिवार नियोजन पखवाड़ा के क्रम में निरीक्षण करने आये. आते ही उन्होंने कहा कि संस्थान की लेखा पुस्तक में कई गड़बड़ियां हैं. जांच करने का आदेश ऊपर से आया है. सारा रिकार्ड हमारे सामने लाया जाये, अन्यथा कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
भय से लेखापाल ने इनको रोगी कल्याण समिति की ओर से लेखापुस्तक दे दिया. प्रबंधक ने इसकी जांच की व इसमें कई खामी पायी गयी. कमी को दूर करने के लिए सुझाव प्रबंधक को पत्र के माध्यम से देना चाहिए था. इसके विपरीत बिना अनुमति के इन्होंने कैशबुक की फोटो अपने मोबाइल में ले ली और तस्वीर को आरपीएमयू यूनिट भागलपुर के वाट्सएप गुप में डाल दिया. यह हरकत संस्थान के छवि को धूमिल करने का लग रहा है.
साथ ही उनके पद के अनुरूप यह कार्य नहीं है. यह उदंडता को द्योतक है. पूर्व में भी इस तरह की हरकत प्रबंधक पूर्व अधीक्षक के समय में वह कर चुके हैं. उस वक्त इनको समझाया गया था, लेकिन इनकी हरकत जारी रही. ऐसे में प्रबंधक को उनके दायित्व एवं क्षेत्राधिकार का बोध कराना जरूरी है.