700 शिक्षकों के पीएफ तो काटे, पैसे जमा नहीं
भागलपुर : जिले के 700 से अधिक शिक्षकों के प्रोविडेंट फंड की राशि बीते पांच वर्षों से पीएफ अकाउंट में जमा नहीं हो रहा है. शिक्षकों का कहना है कि वेतन से कटी पीएफ की राशि 2013 तक उनके पीएफ अकाउंट में अपडेट है. 2013 के बाद से अब तक वेतन से पीएफ मद में […]
भागलपुर : जिले के 700 से अधिक शिक्षकों के प्रोविडेंट फंड की राशि बीते पांच वर्षों से पीएफ अकाउंट में जमा नहीं हो रहा है. शिक्षकों का कहना है कि वेतन से कटी पीएफ की राशि 2013 तक उनके पीएफ अकाउंट में अपडेट है. 2013 के बाद से अब तक वेतन से पीएफ मद में कटी राशि को पीएफ अकाउंट में जमा नहीं किया जा रहा है.
शिक्षकों का कहना है कि एक शिक्षक अपनी सेलेरी से औसत 5 हजार रुपये पीएफ अकाउंट में पैसे जमा कर रहे हैं. शिक्षा विभाग हर माह में जिले के 700 शिक्षकों की सैलरी से औसत 35 लाख रुपये पीएफ के नाम पर काट रहा है. बीते 5 साल या 60 महीने में 21 करोड़ रुपये काटे गये हैं. पैसे कहां है इसकी जानकारी न शिक्षा विभाग दे रहा है न ही शिक्षकों के पीएफ का हिसाब रखने वाली संस्था जिला भविष्य निधि कोषांग.
मामले पर शिक्षकों के पीएफ का हिसाब रखने वाले शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना जनार्दन प्रसाद विश्वास का कहना है दो माह पहले मैंने भागलपुर शिक्षा विभाग ज्वाइन किया है. सहायकों से मामले की पूरी जानकारी लिखित रूप लेंगे. हर हाल में शिक्षकों के पीएफ के पैसे उनके अकाउंट में जायेंगे. हो सकता है कि अधिकारियों की पीएफ राशि जमा न हो रही हो.
भविष्य निधि कोषांग में नहीं पहुंच रहे पैसे: इधर, शिक्षकों के पीएफ का हिसाब रखने वाली संस्था जिला भविष्य निधि कोषांग के लिपिकों का कहना है कि पीएफ मद के पैसे शिक्षा विभाग से कोषांग को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. वहीं शिक्षा विभाग के लिपिकों का कहना है कि पीएफ के काटे जा रहे पैसे जिला भविष्य निधि कोषांग को भेज दिया गया है. दोनों विभाग के आरोप प्रत्यारोप के बीच शिक्षकों की कमाई राशि का कोई हिसाब किताब नहीं.
एक्सक्लूसिव
2013 के बाद से अब तक वेतन से पीएफ मद में कटी राशि को पीएफ अकाउंट में जमा नहीं किया जा रहा है. एक शिक्षक अपनी सेलेरी से औसत 5 हजार रुपये पीएफ अकाउंट में पैसे जमा कर रहे हैं.
विभाग हर माह में जिले के 700 शिक्षकों की सैलरी से औसत 35 लाख पीएफ के नाम पर काट रहा है
ग्रुप इंश्योरेंस के कटे पैसे का कोई हिसाब नहीं
बता दें कि पीएफ के साथ साथ 700 शिक्षकों का पांच वर्षों से जीआइएस या ग्रुप इंश्योरेंस के पैसे हर माह 60 से 100 रुपये के बीच कट रहे हैं. इन पैसों का हिसाब किताब शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि अगर कोई शिक्षक दुर्घटना का शिकार हो जाये तो उन्हें इस योजना का लाभ पैसे कटने के बावजूद नहीं मिलेगा.
शिक्षकों ने डीएम को दी लिखित जानकारी: बिहार प्रदेश प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ शेखर गुप्ता ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी डीएम को लिखित रूप से दी गयी है. डीएम ने मामले पर पड़ताल कराने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि मामला नियमित शिक्षकों से जुड़ा हुआ है.