भागलपुर : भैना पुल अभी बंद है और भारी वाहन शहर की ओर नहीं आ रहे. इस वजह से अभी तक जीरोमाइल से सबौर तक की एनएच 80 की मोटरेबुल रोड नजर आ रही है. वर्ना भारी वाहन शहर तरफ आती तो मोटरेबुल सड़क का क्या हश्र होता और यह कितनी देर टिकी रहती, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. मोटरेबुल सड़क बनाने के खेल में भैना पुल का बड़ा ही योगदान रहा है. दरअसल, विभाग और ठेकेदार को भैना पुल का डायवर्जन डूबने के साथ ही इस बात की जानकारी है कि, भारी वाहन शहर तरफ तो आयेगी नहीं और यह जब आयेगी नहीं तो रोड टूटने का सवाल ही नहीं उठता है.
कम समय में जैस-तैसे जीरोमाइल से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच गड्ढों में तब्दील सड़क को मोटरेबुल करा दिया गया. इंजीनियरिंग कॉलेज से सबौर के बीच निर्माणाधीन रोड के क्षतिग्रस्त होने के बाद इसे भी उखाड़ कर मोटरेबुल कराया. इधर, भारी वाहनों के न चलने के बावजूद यह अब जगह-जगह से टूटने लगी है और गड्ढे बनने लगे हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि, विभाग और ठेकेदार ने मिलकर किस तरह से मोटरेबुल रोड बनाने में गुणवत्ता से समझौते का खेल खेला है.
बारिश में धुल गयी डस्ट, निकल आये पत्थर जर्जर सड़क पर अब दुश्वारियों भरा सफर
मोटरेबुल सड़क से कुछ दिनों तक राहत मिली. मगर, एक-दो बारिश में पहले जैसी स्थिति बनने लगी है. मोटरेबुल सड़क से डस्ट बह गया और इस पर अब नुकीले पत्थर निकल आये हैं. सड़क फिर से जर्जर हो गयी है. जगह-जगह गड्ढा होने से दुर्घटना की संभावना बढ़ी है. ऐसे में वाहनों का टायर फटना, असंतुलित होना और गड्ढे से बचने के चक्कर में सड़क किनारे वाहन पलटने की घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता.