900 करोड़ बकाया से बिजली विभाग संकट में
भागलपुर : आम उपभोक्ताओं का पांच हजार रुपये बकाया होने पर ही विभाग की ओर से बिजली का कनेक्शन काट दिया जाता है. लेकिन हालात यह है कि, भागलपुर में ही विभाग का 900 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल फंसा हुआ है. 300 करोड़ फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल की मूल कंपनी एसपीएमएल लेकर गयी है, […]
भागलपुर : आम उपभोक्ताओं का पांच हजार रुपये बकाया होने पर ही विभाग की ओर से बिजली का कनेक्शन काट दिया जाता है. लेकिन हालात यह है कि, भागलपुर में ही विभाग का 900 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल फंसा हुआ है. 300 करोड़ फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल की मूल कंपनी एसपीएमएल लेकर गयी है, तो लगभग 100 करोड़ नगर निगम के पास बिजली मद में बकाया है. बाकी राशि को लेकर हाइलेबल स्तर पर डिसीजन लंबित है. यानी, शेष 500 करोड़ बकाया राशि ऐसे हजारों उपभोक्ताओं पर हैं, जो सरकार और बिजली विभाग के पेच में फंसी है.
यही कारण है कि बिजली विभाग बकाया करोड़ों रुपये को लेकर परेशान हैं ही, इससे उपभोक्ता भी कमतर परेशान नहीं है. दरअसल, इतनी बड़ी राशि फंसने से कहीं न कहीं बिजली आपूर्ति व्यवस्था के सुधार कार्य में बाधक बन रही है. हालांकि, फंसी राशि अगर निकलती, तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कार्य की प्रगति तेज होगी और इसका समुचित लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा.
फ्रेंचाइजी को नोटिस कर अर्जित बकाया राशि का भुगतान करने को कहा : एसबीपीडीसीएल ने बीइडीसीपीएल की मूल कंपनी एसपीएमएल को नोटिस जारी किया है और उनसे करार रद्द करने के पहले पिछले महीने तक अर्जित बकाया राशि को भुगतान करने का अनुरोध किया गया है. चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) स्तर से जारी नोटिस के अनुसार कहा गया है कि बीइडीसीपीएल की पत्र में वर्णित तथ्यों की मूलभूत बातों को खारिज कर, एक बार फिर अनुरोध है कि ऑडिट कार्य के लिए आवश्यक डेटा जमा करने के लिए तत्काल मैसर्स ई एंड वाई को जमा करें. ताकि बकाया कलेक्शन की कैलकुलेशन और इसकी प्रमाणीकरण कार्य उनके स्तर पर आसानी से किया जा सके.
महाप्रबंधक से इंजीनियरों को राजस्व बढ़ाने का मिला निर्देश
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक (राजस्व) अरविंद कुमार ने राजस्व वसूली पर बल दिया और इंजीनियरों से कहा कि बकायदारों का कनेक्शन डिसकनेक्ट करें. शतप्रतिशत रीडिंग हो और इस बिलिंग करें. उन्होंने लगातार पिछड़ रहे रेवेन्यू कलेक्शन पर नाराजगी जतायी और इसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया. वीडियो कांफ्रेंस में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर श्रीराम सिंह, कार्यपालक अभियंता शहरी संजीव कुमार गुप्ता व अन्य बिजली अधिकारी थे.