हाथ जोड़ा, आग्रह किया , नहीं मिली समय पर छुट्टी मर गयी पत्नी, न्याय हो
भागलपुर : समय पर छुट्टी नहीं मिलने से अपनी पत्नी को खो चुका जिला पुलिस बल का सिपाही सूर्य संगम सिंह मंगलवार को डीआइजी विकास वैभव के पास फरियाद लेकर पहुंचा. पत्नी की मौत का जिम्मेदार सिपाही ने अपने ही प्रभारी सार्जेंट मेजर और जमादार को ठहराया. जवान की बातों को सुनने के बाद इसके […]
भागलपुर : समय पर छुट्टी नहीं मिलने से अपनी पत्नी को खो चुका जिला पुलिस बल का सिपाही सूर्य संगम सिंह मंगलवार को डीआइजी विकास वैभव के पास फरियाद लेकर पहुंचा. पत्नी की मौत का जिम्मेदार सिपाही ने अपने ही प्रभारी सार्जेंट मेजर और जमादार को ठहराया. जवान की बातों को सुनने के बाद इसके आवेदन को डीआइजी ने लिया और जांच करने का निर्देश एसएसपी को दिया है.
अपने आवेदन में सूर्य संगम सिंह ने लिखा है कि पत्नी गंभीर रूप से बीमार थी. इसको बेहतर इलाज की जरूरत थी. इसलिए हमने एसएसपी के आवास पर जाकर 12 जुलाई से सीएल पर छुट्टी मांगा. एसएसपी ने हमारे आवेदन को देखने के बाद छुट्टी दे दिया. हम चार दिनों की छुट्टी पर जाना चाहते थे. एसएसपी से अवकाश स्वीकृत होने के बाद हम अपने डे जमादार और प्रभारी सार्जेंट मेजर के पास गये. इन दोनों के पास अपना आवेदन दिया. यह देख दोनों भड़क गये.
इन्होंने कहा कि बिना हमारी अनुमति के कोई भी छुट्टी पर नहीं जा सकता है. जाओ यहां से नहीं मिलेगी छुट्टी. यहां से हम सीधे सार्जेंट मेजर के पास गये. मेजर व्यस्त थे इसलिए हमें दूसरे दिन आने के लिए कहा गया. इनके आदेश पर हम दूसरे दिन सुबह सार्जेंट मेजर के पास पहुंचे. अपनी बातों को कहा तो वो भी भड़क गये. इन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि तेरी पत्नी बीमार है तो क्या हम उसका इलाज करा दे. नहीं मिलेगी छुट्टी. ड्यूटी से नहीं छोड़ा जायेगा. काफी बकझक के बाद 12 जुलाई की स्वीकृत छुट्टी 14 जुलाई को मिली.
इस बीच मेरी पत्नी की तबीयत और खराब हो रही थी. छुट्टी मिलने के बाद हम पत्नी के इलाज के लिए गये. उसको लेकर चिकित्सक के पास पहुंचे तो कहा गया एक दिन पहले आते तो पत्नी बच जाती. अब कोई उपाय नहीं है. मेरी पत्नी की मौत हो गयी. आगे जवान ने अपने आवेदन में लिखा है कि मेरा तीन साल का बेटा है. वह किसी तरह से रह रहा है. लेकिन बेटी अपनी मां की मौत को सहन नहीं कर पा रही है. वह बीमार रह रही है. आरक्षी ने अपने आवेदन में कहा है कि मेरी पत्नी की मौत का जिम्मेदार दोनों अधिकारी हैं. हमें न्याय मिले.