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सृजन घोटाला : सीबीआइ मुख्यालय भेजे जायेंगे चौथी प्राथमिकी के रेकार्ड

भागलपुर : सृजन घोटाले को लेकर अधिकारियों को एक-एक बुला कर पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया है. मामले को लेकर जांच एजेंसी ने संबंधित विभाग से कागजात भी मंगवाने शुरू कर दिये हैं. इस कड़ी में सीबीआइ ने न्यायालय प्रशासन को भी घोटाले से जुड़ी कुछ विभागों व प्रखंडों की ओर से दर्ज प्राथमिकी […]

भागलपुर : सृजन घोटाले को लेकर अधिकारियों को एक-एक बुला कर पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया है. मामले को लेकर जांच एजेंसी ने संबंधित विभाग से कागजात भी मंगवाने शुरू कर दिये हैं. इस कड़ी में सीबीआइ ने न्यायालय प्रशासन को भी घोटाले से जुड़ी कुछ विभागों व प्रखंडों की ओर से दर्ज प्राथमिकी रिपोर्ट व कोर्ट की कार्रवाई के सारे रेकॉर्ड देने का पत्र भेजा है.
सभी रेकॉर्ड अगले कुछ दिनों में सीबीआइ मुख्यालय को दिये जायेंगे. इन रेकॉर्ड में सृजन समिति, कल्याण, डीआरडीए व नजारत की चौथी दर्ज प्राथमिकी के कागजात हैं. साथ ही प्रखंडों के भी सृजन घोटाले के जांच का ब्योरा शामिल है. फिलहाल रेकॉर्ड सीबीआइ ने नहीं लिये थे, इस कारण रेकॉर्ड यहीं पर था.
इन चार विभागों से दर्ज करवाये केसों के मांगे गये कागजात
1. सबौर के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सुशील कुमार ने 23 अगस्त 2017 को सृजन महिला विकास सहयोग समिति के विभिन्न पदधारक रजनी प्रिया समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
2. कल्याण विभाग के पूर्व प्रभारी पदाधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर ने 23 अगस्त 2017 को बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक सहित सृजन समिति के पदधारकों के खिलाफ 115 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला दर्ज कराया था.
3. डीआरडीए के पूर्व प्रभारी पदाधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर ने 57 करोड़ रुपये की प्राथमिकी बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक सहित सृजन समिति के पदधारकों के खिलाफ दर्ज करायी थी.
4. नजारत के पूर्व प्रभारी पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद साह ने चौथी प्राथमिकी करीब 22 करोड़ रुपये का बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक सहित सृजन समिति के पदधारकों के खिलाफ दर्ज करायी थी.
इन प्रखंडों से दर्ज कराये गये केस भी गये
नवगछिया प्रखंड: 3.3 करोड़
नवगछिया प्रखंड कार्यालय के बैंक खाते से तीन करोड़ 27 लाख से अधिक के फर्जीवाड़े की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज की गयी है. नवगछिया के बीडीओ राजीव रंजन ने प्राथमिकी दर्ज करायी. इसमें इंडियन बैंक को आरोपित बनाया गया है. प्रखंड के कैश बुक में चार करोड़ 62 लाख 83 हजार 50 रुपये इंडियन बैंक के खाता में जमा करने की सूचना है. इसके एवज में राशि पर बैंक का ब्याज सात लाख 47 हजार 46 रुपये बनता है. लेकिन, बैंक की खाता विवरणी में ब्याज के रूप में 41 हजार 808 रुपये ही दिया गया. इस तरह ब्याज की राशि का भी फर्जीवाड़ा किया है.
नवगछिया प्रखंड कार्यालय का एक खाता इंडियन बैंक में है. इंडियन बैंक में 29 जून 2007 को खाता खुलवाया गया. यहां बीडीओ की ओर से कई चेक जमा करने के लिए भेजे गये थे, लेकिन उनमें से चेक के माध्यम से 26 बार पैसे जमा कराये गये. वहीं तीन बार नकद राशि भेजी गयी थी. इस दौरान कुल तीन करोड़ 27 लाख 77 हजार 668 रुपये दर्ज नहीं हैं, जब भी राशि निकासी के लिए चेक बैंक को भेजा गया, उससे पहले विभाग के सरकारी खाते में राशि जमा करा दी गयी. इस तरह अज्ञात श्रोत से तीन करोड़ 65 लाख 33 हजार 507 रुपये अवैध रूप से सरकारी खाता में जमा कर दिया गया.
कहलगांव प्रखंड: 13 करोड़
कहलगांव प्रखंड कार्यालय के बैंक खाते से 13 करोड़ के फर्जीवाड़े की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज की गयी. कहलगांव के बीडीओ रज्जन लाल ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. कहलगांव प्रखंड कार्यालय का एक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा व दूसरा खाता इंडियन बैंक में है. बैंक ऑफ बड़ौदा में वर्ष 2000 में खाता खोला गया था, जबकि इंडियन बैंक में वर्ष 2007 में. बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में बीडीओ की ओर से कई चेक जमा करने के लिए भेजे गये थे, लेकिन उनमें पांच चेक बैंक ने जमा ही नहीं किया. जब भी राशि निकासी के लिए चेक बैंक को भेजा गया, उससे पहले सृजन ने सरकारी खाते में राशि जमा करा दी. इसी तरह इंडियन बैंक ने भी हेराफेरी की.
जगदीशपुर प्रखंड: 8.09 करोड़
जगदीशपुर प्रखंड का बैंक ऑफ बड़ौदा में 27 मार्च 2000 को बीडीओ के पदनाम से खाता था. जितने चेक जमा कराये गये, उतने की रसीद भी है. प्रखंड कार्यालय ने 32 करोड़ 97 लाख 59 हजार 401 रुपये 44 पैसे जमा किये गये. लेकिन, बैंक ने खाते में 27 करोड़ 67 लाख 73 हजार 287 रुपये 44 पैसे की इंट्री हुई. इस तरह शेष राशि की हेराफेरी हुई. दूसरे खाते में 13 करोड़ 77 लाख 697 रुपये 70 पैसे जमा कराये गये, लेकिन बैंक ने खाते में सिर्फ 12 करोड़ 92 लाख 30 हजार 594 रुपये 70 पैसे की इंट्री की गयी. तीसरे खाते में प्रखंड कार्यालय ने आठ करोड़ 96 लाख 71 हजार 780 रुपये जमा किये, लेकिन बैंक ने खाते में सात करोड़ 10 लाख 39 हजार 839 रुपये की इंट्री की. कुल मिला कर 8.09 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की प्राथमिकी दर्ज की गयी.
प्रखंडों से मांगे गये अवैध निकासी को लेकर दर्ज कागजात
सन्हौला 23 करोड़
गोराडीह 4 करोड‍़
शाहकुंड 8 करोड़
पीरपैंती 9 करोड़.
सचिव रजनी प्रिया व उनके पति पर लुक आउट नोटिस का तामीला अधूरा
गृह मंत्रालय की ओर से जारी है नोटिस, आरोपितों को नहीं खोज पायी जांच एजेंसी
भागलपुर. सृजन घोटाले के अहम राजदार समिति सचिव रजनी प्रिया व उसके पति अमित कुमार के खिलाफ लुक आउट नोटिस का तामीला अधूरा है. राज्य सरकार के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने देश से बाहर आरोपित के नहीं निकलने के बारे में नोटिस जारी किया था. सीबीआइ ने भी केस को लेने के बाद दोनों ही आरोपित को पकड़ने के लिए विशेष टीम का गठन तक कर दिया था. मगर अभी तक दोनों आरोपित के बारे में कोई अता-पता नहीं है. इस कारण सृजन घोटाले में किन-किन की भूमिका अहम थी, यह अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पायी है.
21 अगस्त 2017 को गृह मंत्रालय को हुई थी सिफारिश
बिहार सरकार ने गृह विभाग को स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति की ओर से सरकारी राशि गबन के मामले में फरार चल रही संस्था की सचिव सह कर्ता-धर्ता रजनी प्रिया और उनके पति अमित कुमार की गिरफ्तारी के लिए गृह मंत्रालय से लुक आउट नोटिस जारी करने का आग्रह किया था. उनके बारे में हवाई अड्डा के निदेशकों को सूचना दी गयी थी. यह कवायद आरोपित के देश से बाहर नहीं भाग सकने को लेकर किया गया. अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) ने गृह मंत्रालय से लुक आउट नोटिस जारी करने का आग्रह किया था.
सीबीआइ ने डीएसपी स्तर के अफसरों की विशेष टीम का किया था गठन
सृजन घोटाले में फरार सचिव रजनी प्रिया और उसके पति अमित कुमार के तलाश को लेकर शुरुआत में सीबीआइ ने डीएसपी स्तर के अधिकारियों की विशेष टीम का गठन किया था. विशेष टीम को आरोपित की देशव्यापी तलाश करने का टास्क मिला था. क्योंकि आरोपित को ही घोटाले की शुरुआत से लेकर अब तक की पूरी कहानी मालूम है. रजनी प्रिया की गिरफ्तारी से करीब एक हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले से जुड़े कई सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतर सकता है.

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