देखा-देखी की परंपरा ने किया शिक्षा को बर्बाद, शेष वोट बैंक की भेंट चढ़ी

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्राथमिक माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक व उच्च शिक्षा से जुड़े 22 लोगों ने समस्या और समाधान पर की चर्चा, कहा भागलपुर : शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रभात खबर कार्यालय में जिले के प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा से जुड़े 22 लोगों ने समस्या और समाधान पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2018 5:33 AM

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्राथमिक माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक व उच्च शिक्षा से जुड़े 22 लोगों ने समस्या और समाधान पर की चर्चा, कहा

भागलपुर : शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रभात खबर कार्यालय में जिले के प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा से जुड़े 22 लोगों ने समस्या और समाधान पर खुल कर चर्चा की. उन्होंने बताया कि आज सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता जा रहा है. व्यवस्था से लेेकर पढ़ाई तक के स्केल पर स्कूल फेल हो रहे हैं. स्कूलों में बच्चे नहीं आते, आते भी हैं तो मिड डे मील खा कर चले जाते हैं, कोई बाहर से जा कर जांच करे, तो कई मामलों में फेल हो जाते हैं. शिक्षकों की स्थिति ऐसी कि वह मिड डे मील से लेकर व्यवस्था संभालने में व्यस्त हैं. कई जगह छात्रों की तुलना में शिक्षकों की घोर कमी है, तो कहीं शिक्षक ज्यादा, विद्यार्थी कम हैं.
हाल में वरीय पदाधिकारियों ने भी जहां जांच की, तो सबकुछ अच्छा नहीं मिला. दुखद है यह कि कमिश्नर को खोजना पड़ा कि कहां है बेहतर स्कूल. ऐसे में कारण और उसके निदान पर प्रभात खबर कार्यालय में हुई चर्चा में सबने माना कि गलती शिक्षकों में है, तो व्यवस्था भी पंगु है. अभिभावक भी देखा-देखी में व्यस्त हैं, तो जवाबदेह और जनप्रतिनिधि शिक्षा को भी वोट बैंक में बदल चुके हैं.

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