बाढ़ के बाद अब महामारी व कटाव का खतरा
भागलपुर : बीते दो दिनों से गंगा के जलस्तर में कमी आ रही है. साथ-साथ बाढ़ से घिरे गांव व मुहल्लों से भी पानी तेजी से निकल रहा है. शहर के सभी गंगाघाट पर पानी करीब दो से तीन फीट घटा है. नदी का प्रवाह कम होने से तटीय इलाके पर दबाव कम होने लगा […]
भागलपुर : बीते दो दिनों से गंगा के जलस्तर में कमी आ रही है. साथ-साथ बाढ़ से घिरे गांव व मुहल्लों से भी पानी तेजी से निकल रहा है. शहर के सभी गंगाघाट पर पानी करीब दो से तीन फीट घटा है. नदी का प्रवाह कम होने से तटीय इलाके पर दबाव कम होने लगा है. हालांकि पानी घटने के साथ-साथ बाढ़ से प्रभावित इलाकों में कीचड़ और दलदल पसरा हुआ है.
नाले का पानी अबतक इलाके में फैला हुआ है. चारों तरफ पानी से डूबे पेड़ पौधे व अन्य अपशिष्ट सड़ रहे हैं. चापाकलों से दुर्गंधयुक्त पानी निकलने का सिलसिला जारी है. बाढ़ पीड़ित धीरे-धीरे अपने गांव की ओर निकल रहे हैं. साफ सफाई की व्यवस्था न रहने से मच्छर व अन्य बीमारी के जीवाणु तेजी से पनप रहे हैं. लोगों को अब इस बात का डर सता रहा है कि बाढ़ की विभिषिका झेलने के बाद अब महामारी का सामना न करना पड़ जाये.
दूसरी ओर मवेशियों और बच्चों में डायरिया का प्रकोप फैल रहा है. शहर के गोलाघाट, विश्वविद्यालय परिसर, सखीचंद घाट, कोयलाघाट, खिरनीघाट के किनारे रह रहे लोगों का कहना है कि, नाले और नदी का स्तर एक होने से गंदा पानी फंसा हुआ है. शौचालयों के टंकी में जहरीले कीड़े मकोड़े घुस आये हैं. वहीं सबौर, नाथनगर के नदी किनारे रह रहे लोगों का कहना है कि, पानी में भीगने के बाद किनारा तेजी से कट रहा है. अबतक कई बीघा उपजाऊ जमीन गंगा में विलीन हो चुकी है.
इंजीनियरिंग कॉलेज से उतरने लगा पानी : गंगा का जलस्तर घटने के कारण इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर से जमा हुआ पानी वापस उतर रहा है. बावजूद गड्ढों में फंसे पानी के कारण जगह जगह जलजमाव की समस्या हो गयी है. हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने बताया कि जलजमाव को सूखने में अभी दो से तीन माह लग जाएंगे. इस कारण परिसर में मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है.
राहत कैंप में अबतक जमे हुए हैं बाढ़ पीड़ित : टीएमबीयू स्थित टिल्हा कोठी, गोला घाट, हवाई अड्डा समेत अन्य जगहों पर बने बाढ़ से बचने के लिए अबतक ग्रामीण अपने मवेशियों व परिवार के सदस्यों के साथ जमे हुए हैं. टिल्हा कोठी स्थित राहत कैंप में रह रहे लोगों का कहना है कि जबतक गांव जाने का रास्ता सूख नहीं जाता है, हम यही रहेंगे. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है.
गंगा का घटा जलस्तर, समस्याएं बरकरार
सबौर. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही गिरावट से आम लोग राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन अाम लोगों की समस्याएं जस की तस बरकरार हैं. जलजमाव और गंदगी फैलने की वजह से इन क्षेत्रों में अब बीमारी फैलने की आशंका बढ़ रही है. दूसरी ओर जलस्तर में कमी होने से एनएच 80 पानी हट चुका है और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है.