गंगा में गाद का होगा सर्वे, वर्ष भर जहाज के परिवहन की तैयारी
भागलपुर : गंगा नदी में जहाज के परिवहन के लिए नदी के तल में गाद की क्या स्थिति है, इसका जायजा लिया जायेगा. केंद्रीय जलमार्ग प्राधिकरण दो दिन बाद जिले के गंगा बेसिन में गाद के सर्वे का काम शुरू करेगा. मानसून में आयी बाढ़ के कारण नदी में इस वर्ष काफी मात्र में गाद […]
भागलपुर : गंगा नदी में जहाज के परिवहन के लिए नदी के तल में गाद की क्या स्थिति है, इसका जायजा लिया जायेगा. केंद्रीय जलमार्ग प्राधिकरण दो दिन बाद जिले के गंगा बेसिन में गाद के सर्वे का काम शुरू करेगा. मानसून में आयी बाढ़ के कारण नदी में इस वर्ष काफी मात्र में गाद व सिल्ट जमा हुआ है. प्राधिकरण की टीम पहले फेज में मुंगेर से लेकर पीरपैंती के बीच गंगा की गहराई की जांच करेगी.
पूर्व में जिस रास्ते होकर जहाज का परिचालन होता था, उस रास्ते पर जमे गाद को ड्रेजिंग कर इस हटाया जायेगा. प्राधिकरण के उप निदेशक प्रशांत कुमार का कहना है कि छोटे व मंझोले साइज के जहाज के परिचालन के लिए कम से कम चार मीटर की गहराई जरूरी है. वहीं चौड़ाई 35 मीटर होनी चाहिए. फिलहाल गंगा नदी में काफी पानी है.
परिवहन की आदर्श स्थिति मार्च तक बनी रहेगी. लेकिन मार्च से जून तक गंगा का प्रवाह 75 प्रतिशत कम हो जाता है. साथ ही शहर के किसी भी गंगा तट तक जहाज का ठहराव मुश्किल हो जाता है. इस समय सर्वे कर गाद से आने वाली बाधाओं से निपटने का प्रयास किया जायेगा.
अक्तूबर से मार्च तक सैलानियों की खेप आयेगी भागलपुर
अक्तूबर से मार्च तक टूरिज्म का पीक सीजन रहता है. कोलकाता से जहाज से देशी व विदेशी सैलानियों की कई खेप गंगा नदी के रास्ते भागलपुर, मुंगेर, पटना व वाराणसी तक जायेगी. जहाज परिचालन करने वाली कंपनियाें को अगर वर्ष भर रास्ता मुहैया कराया जायेगा तो इस होकर जहाज चलता रहेगा.
लेकिन बीते दो वर्षों में देखा गया है कि नवंबर माह में ही कई जहाज सिल्ट व गाद के कारण बीच नदी में अटक जाती है. इस बाबत जलमार्ग प्राधिकरण ऐसी स्थिति से पहले आवश्यक कदम उठाने की तैयारियों में जुट गयी है.
बाढ़ के कारण नदी में इस वर्ष काफी मात्रा में गाद व सिल्ट जमा हुआ है नदी में जमे गाद को ड्रेजिंग कर हटाया जायेगा