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सृजन घोटाला : अमरेंद्र यादव व राकेश यादव की जमानत खारिज
भागलपुर : सृजन घोटाला में आरोपित जिला नजारत के पूर्व नाजिर अमरेंद्र यादव व जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश यादव को पटना हाइकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली. पटना हाइकोर्ट में दोनों आरोपित ने नियमित जमानत की अर्जी लगायी थी. इन पर सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने उनकी अर्जी को नामंजूर कर दिया. दोनों […]
भागलपुर : सृजन घोटाला में आरोपित जिला नजारत के पूर्व नाजिर अमरेंद्र यादव व जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश यादव को पटना हाइकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली. पटना हाइकोर्ट में दोनों आरोपित ने नियमित जमानत की अर्जी लगायी थी. इन पर सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने उनकी अर्जी को नामंजूर कर दिया.
दोनों ने अपनी अर्जी में खुद को राशि गबन की घटना में बेकसूर बताया और आला अधिकारियों के कहने पर सरकारी खाता में राशि जमा करने का उल्लेख किया. साथ ही सरकारी खाता से सृजन महिला विकास सहयोग समिति में राशि के ट्रांसफर होने की प्रक्रिया से अनभिज्ञता जतायी. सीबीआइ ने आरोपितों की दायर अर्जी का विरोध किया.
अपने जवाब में सीबीआइ ने जांच के दौरान आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्यहोने के बारे में लिखित तौर पर दिया. इधर, सीबीआइ विशेष कोर्ट से जारी पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह तथा अन्य के खिलाफ सघन तलाशी चल रही है. जिला नजारत में नाजिर के तौर पर अमरेंद्र यादव की भूमिका अहम थी. उनके द्वारा ही खाता संधारण का काम हुआ करता था.
नजारत में पहली प्राथमिकी का सूचक अमरेंद्र यादव ही था, लेकिन बाद की प्राथमिकी के दौरान उसकी संलिप्तता जाहिर हो गयी और वह एसआइटी की गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया. बाद में भागलपुर पहुंचने पर सीबीआइ ने अमरेंद्र यादव को गिरफ्तार किया था. वहीं जिला परिषद में भी नाजिर राकेश कुमार यादव का रसूख था.
उसके द्वारा विभिन्न योजना की राशि को अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाया जाता था. उनके द्वारा ही योजनाओं की राशि का चेक काटा जाता और भुगतान का जमा-खर्च उन्हीं के पास रहता था. जिप में कर्मी की कमी के कारण आरोपित राकेश यादव के कार्यकाल में और कोई नहीं सामने आया. एसआइटी ने राकेश यादव को शुरुआती जांच के दौरान ही गिरफ्तार किया था.
आरोपित पंकज कुमार झा व हरिशंकर उपाध्याय की भी जमानत हो चुकी है खारिज
को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व एमडी पंकज कुमार झा व एकाउंट मैनेजर रहे हरिशंकर उपाध्याय की नियमित जमानत को भी पटना हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था. उनके भी अर्जी पर बहस करते हुए सीबीआइ ने कड़ा विरोध जताया था. सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि एक बड़ी राशि का सृजन समिति के खाते में ट्रांसफर हुआ और उस दौरान आरोपित ने चुप्पी साध रखी थी.
पटना हाइकोर्ट में नियमित जमानत अर्जी पर हुई सुनवाई
एसआइटी ने राकेश व सीबीआइ ने अमरेंद्र को किया था गिरफ्तार
सीबीआइ विशेष कोर्ट से जारी अन्य आरोपित के वारंटी की तलाश जारी
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