व्यापारी संगठन व चालक संघ कल करेंगे विमर्श
सेतु पर बंदी के दौरान वहां के परिचालन पर राय ली जायेगी भागलपुर : विक्रमशिला सेतु पर पाया मरम्मत के समय ट्रैफिक व्यवस्था की प्लानिंग से पहले सोमवार को सदर अनुमंडल कार्यालय में अहम बैठक होगी. इस बैठक में चैंबर ऑफ कॉमर्स, गैस एजेंसी, ऑटो व ई-रिक्शा संघ के प्रतिनिधि मंडल शामिल होंगे. इन सभी […]
सेतु पर बंदी के दौरान वहां के परिचालन पर राय ली जायेगी
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु पर पाया मरम्मत के समय ट्रैफिक व्यवस्था की प्लानिंग से पहले सोमवार को सदर अनुमंडल कार्यालय में अहम बैठक होगी. इस बैठक में चैंबर ऑफ कॉमर्स, गैस एजेंसी, ऑटो व ई-रिक्शा संघ के प्रतिनिधि मंडल शामिल होंगे. इन सभी से सेतु पर बंदी के दौरान वहां के परिचालन पर राय ली जायेगी. व्यापारिक संघ व गैस एजेंसी संचालकों से उनके व्यापार पर पड़नेवाले प्रभाव तथा विकल्प के बारे में जानकारी ली जायेगी.
वहीं ऑटो व ई-रिक्शा चालक संघ से जीरोमाइल से विक्रमशिला सेतु के मरम्मत स्थल तक परिचालन को लेकर बातचीत होगी. सदर एसडीओ आशीष नारायण ने बताया कि ट्रैफिक प्लान का खाका तैयार करने से पहले अलग-अलग वर्ग के प्रतिनिधि से चर्चा होगी. इन चर्चाओं के बाद सिटी डीएसपी के साथ बैठ कर एक विस्तृत प्लान तैयार होगा. अहम संगठन के प्रतिनिधियों के सुझाव भी प्लान को बनाने में मददगार साबित होंगे. उन्होंने कहा कि सेतु मरम्मत में आम लोगों को दिक्कत नहीं होने देंगे. इस बात का भी ख्याल रखा जायेगा कि जरूरी सेवाएं भी प्रभावित नहीं हो. मरम्मत स्थल पर किसी तरह के परिचालन की इजाजत नहीं होगी, वहां से होकर पैदल निकलना होगा.
मंगलवार को जहाज परिचालन मामले पर होगा विचार: जहाज परिचालन को लेकर अंतरराज्यीय जल मार्ग प्राधिकरण के पदाधिकारी के मंगलवार को आने की संभावना है. तब जहाज परिचालन को लेकर कोई निर्णय लिया जायेगा. हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर मामले को लेकर प्रधान सचिव से भी बात होगी.
दंगा पीड़ितों को दी राशि का नहीं दिया उपयोगिता प्रमाणपत्र
भागलपुर. भागलपुर दंगा व सिख विरोधी दंगा पीड़ित को दी गयी राशि के एवज में उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया. इसको लेकर गृह विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अब तक जारी बजट के खर्च का ब्योरा देने के लिए रिमांइडर दिया है. पत्र में उल्लेख है कि वर्ष 1989-90 भागलपुर सांप्रदायिक दंगा में मृत/लापता व्यक्ति के आश्रित को अनुग्रह अनुदान के लिए 30.895 करोड़ का खर्च व शेष 51 लाख 67 हजार 800 रुपये की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया