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लौटने लगे बाढ़ पीड़ित, अव्यवस्था अब भी बरकरार

भागलपुर : शहर से सटे दियारा क्षेत्रों में अब बाढ़ का पानी उतर गया है, लेकिन यहां के लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. इससे ऊंचे स्थानों पर बसे टोले के लोग तो अपने घर की ओर लौटने लगे हैं, लेकिन निचले क्षेत्र के लोग अब भी अलग-अलग ठिकानों पर तंबू लगाकर रहने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 5:28 AM
भागलपुर : शहर से सटे दियारा क्षेत्रों में अब बाढ़ का पानी उतर गया है, लेकिन यहां के लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. इससे ऊंचे स्थानों पर बसे टोले के लोग तो अपने घर की ओर लौटने लगे हैं, लेकिन निचले क्षेत्र के लोग अब भी अलग-अलग ठिकानों पर तंबू लगाकर रहने को विवश हैं.
पर्याप्त नहीं है सरकार की व्यवस्था : गंगा के दिये जख्मों का दर्द लगातार झेल रहे बाढ़ पीड़ित अब दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं. दियारा के खेतों में दिनभर पसीना बहाने वाले और जिनकी मेहनत से खेत में फसल लहलहाती हो, आज वे खुद से लाचार हो चुके हैं. सभी शिविर में सरकार की ओर से मदद भी नहीं मिल रही है. जहां मदद मिल रही है, वह भी पर्याप्त नहीं है.
शंकरपुर बिंद टोली के अरुण महतो ने बताया कि, दो साल पहले सरकार की ओर से जैसी व्यवस्था थी, वह अब नहीं दिख रही है. अब चुनाव आने वाला है, उसमें अपना दम दिखायेंगे. बालू टोला के शिवन मंडल ने बताया कि टीएनबी कॉलेजिएट में कभी भोजन नहीं मिला. बच्चे खिचड़ी के लिए भी तरस रहे हैं.
कविता देवी ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर तक क्षेत्र में छिड़काव नहीं कराया जा रहा है, जिससे वहां जाना परेशानी से भरा है. रसीदपुर दियारा के किशन मंडल ने बताया कि 10 दिन तक शिविर में रखकर खाना खिलाने भर से उनकी परेशानी दूर नहीं होगी. उजड़ा घर बस नहीं जायेगा. इसके लिए पैसा और समय दोनों की जरूरत होगी. कई बाढ़ पीड़ितों को जमीन तो है, लेकिन उसमें लगी फसल भी बरबाद हो गये.

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