झड़ रही मायागंज अस्पताल की छतें, खतरे में मरीज

भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज का भवन दिन व दिन जर्जर होता जा रहा है, जो बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है. अस्पताल की छत झड़ने लगी है. इतना ही नहीं छत का भार सहने वाले बीम व पिलर की छड़ें सड़कर बाहर आ गयी. इससे मरीजों व स्वास्थ्यकर्मियों के जान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 7:11 AM
भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज का भवन दिन व दिन जर्जर होता जा रहा है, जो बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है. अस्पताल की छत झड़ने लगी है. इतना ही नहीं छत का भार सहने वाले बीम व पिलर की छड़ें सड़कर बाहर आ गयी. इससे मरीजों व स्वास्थ्यकर्मियों के जान को खतरा की संभावना बढ़ गयी है.
इमरजेंसी वार्ड के बिम व पिलर में आ गयी दरार: इमरजेंसी वार्ड से जुड़े बरामदे के बिम व पिलर दरकने लगे हैं. तीन मंजिला छत के भार को उठाने वाला बिम की छड़ पूरी तरह से सड़ चुका है. धीरे-धीरे बिम में लगे छर्री-सिमेंट झड़ते ही जा रहे हैं. इतना ही नहीं मरीजों की संख्या बढ़ जाने पर इसी बरामदे पर मरीजों को नीचे लेटा कर इलाज किया जाता है. आर्थिक रूप से पिछड़े मरीज भी इस स्थिति में अपना इलाज कराने को विवश हैं. कई बार तो मरीजों के ऊपर प्लास्टर भी झड़ चुका है.
अस्पताल अधीक्षक के भवन की छत भी सुरक्षित नहीं : मायागंज अस्पताल अधीक्षक के भवन की छत भी सुरक्षित नहीं है. यहां की छत से पानी टपक रहा है तो बगल के कमरे का छत झड़ रहा है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक मशीन रखा गया है. यदि सावधानी नहीं बरती गयी तो मशीन के साथ-साथ जानमाल को भी बड़ी क्षति पहुंच सकती है.
रोजाना आते हैं सैकड़ों मरीज: पूर्वी बिहार क्षेत्र समेत समीपवर्ती प्रांत के विभिन्न जिले गोड्डा, दुमका, साहेबगंज आदि के मरीज यहां पर अपने इलाज के लिए आते हैं. रोजाना सैकड़ों मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इनके बीच दिनरात स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी व अन्य सहायक कर्मचारी रहते हैं. मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां पर इलाज के लिए आते हैं, यहां स्वस्थ होने की बजाय घायल हो जायें या अन्य अनहोनी हो जाये तो इसे सरकार व प्रशासनिक पदाधिकारियों की लापरवाही ही कहा जायेगा. स्वास्थ्य सुविधा घर की जगह मौत घर बनकर रह जायेगा.

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