समय खत्म, नहीं बना जेल रोड, नुकीले पत्थर, उड़ते धूल से लोगों की परेशानी बढ़ी
भागलपुर : लोहिया पुल से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच तीन माह में सड़क बनाने के दावों की हकीकत यह है कि इसकी समय सीमा पूरी हो गयी है और यह अभी तक अधूरा है. क्षतिग्रस्त सड़कों पर ही जान जोखिम में डाल राहगीर गुजरने को विवश हैं. एनएच विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ रहा […]
भागलपुर : लोहिया पुल से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच तीन माह में सड़क बनाने के दावों की हकीकत यह है कि इसकी समय सीमा पूरी हो गयी है और यह अभी तक अधूरा है. क्षतिग्रस्त सड़कों पर ही जान जोखिम में डाल राहगीर गुजरने को विवश हैं. एनएच विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. एनएच 80 की रोड का सबसे खराब हिस्सा जेल रोड है.
सड़क बनने के साथ यह धंस गयी थी और जगह-जगह से यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी थी. इस पर लगातार भारी वाहनों के परिचालन से अब गिट्टियां निकल आयी हैं. नुकीले पत्थर राहगीरों को तकलीफ पहुंचा रही है. सड़क का निर्माण तीन करोड़ से ज्यादा की राशि से हो रहा है. 25 जून से काम शुरू हुआ था और 25 सितंबर तक में कांट्रैक्टर को काम पूरा कर लेना था. सड़क बनाने की जिम्मेदारी मुंगेर के कांट्रैक्टर निरंजन शर्मा को मिली है. इस मामले में कांट्रैक्टर के इंजीनियर ने बताया कि बरसात के समय का टाइम एक्सटेंशन मिला है. सड़क का निर्माण जल्द होगा.
जीरोमाइल से इंजीनियरिंग कॉलेज तक कराया गया मोटरेबुल कार्य क्षतिग्रस्त. बरसात दिनों में जीरोमाइल से इंजीनियीरिंग कॉलेज के बीच अलकतरा वाले हिस्से में करायी गयी मोटरेबुल सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गयी है. यह वही सड़क है, जहां कभी बड़ा-बड़ा गहरा गड्ढा हुआ करता था. प्रमंडलीय आयुक्त की डांट-फटकार के बाद गड्ढों को भर कर सड़क का मोटरेबुल कराया गया मगर, मेंटनेंस के अभाव में इस पर फिर से गड्ढे बनने लगे हैं.
बरसात में बंद सड़क का निर्माण कार्य दोबारा नहीं हो सका शुरू
बरसात में बंद सड़क निर्माण का कार्य दोबारा शुरू नहीं हो सका है. जबकि बरसात का मौसम भी बीत चुका है. एनएच विभाग ही मानता है कि 15 जून से 15 सितंबर तक बरसात का मौसम रहता है और इस मौसम में अलकतरा का कोई काम नहीं होता है. जबकि अब बरसात का मौसम बीत चुका है तो काम शुरू कराने के लिए कांट्रैक्टर पर दबाव भी नहीं बनाया जा रहा है.