21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आवंटन में 30 मेगावाट की कटौती रुक-रुककर कटती रही बिजली

भागलपुर : शहर की बिजली आवंटन में 30 मेगावाट की कटौती कर दी गयी है. यह कटौती रविवार शाम पांच बजे से की गयी है. शहर से गांव तक बिजली को लेकर हाहाकार मच गया है. आम से लेकर खास तक बिजली कटौती से जूझने लगे हैं. बिजली के सवाल पर शहर में कई बार […]

भागलपुर : शहर की बिजली आवंटन में 30 मेगावाट की कटौती कर दी गयी है. यह कटौती रविवार शाम पांच बजे से की गयी है. शहर से गांव तक बिजली को लेकर हाहाकार मच गया है. आम से लेकर खास तक बिजली कटौती से जूझने लगे हैं. बिजली के सवाल पर शहर में कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुका है, लेकिन बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हो रहा है.
शहर के लिए कुल 80 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, लेकिन मिल रही है मात्र 50 मेगावाट. यह कहना है ट्रांसमिशन विभाग का. पर्याप्त बिजली उपलब्ध न होने से शाम ढलते ही लोड शेडिंग की समस्या गहरा गयी है. सबौर ग्रिड के अंतर्गत 11 उपकेंद्र है, जिसमें सात उपकेंद्र शहरी क्षेत्र में है. शहर में आपूर्ति के लिए सातों उपकेंद्र को बिजली दी जा रही है, मगर लोड कम कर दिया है.
लोड में कमी से हर विद्युत उपकेंद्र का दो से तीन फीडर को हर दो घंटे बंद रखा जा रहा है. दो घंटे पर एक घंटे के रोटेशन से फीडर को चलाया जा रहा है. इस कारण पूरा शहर एक साथ रोशन नहीं हो रहा है. आवंटन में बढ़ोतरी नहीं कराने से यह सिलसिला आधी रात के बाद भी जारी रहा. बिजली आवंटन में कटौती से पांच साल पहले की पुरानी व्यवस्था पर शहर की बिजली आपूर्ति टिक कर रह गयी है.
10 मेगावाट बढ़ोतरी, फिर भी नहीं पड़ा फर्क : आवंटन में कटौती के पौने दो घंटे बाद शाम 6.45 बजे 10 मेगावाट की बढ़ोतरी की गयी है, लेकिन इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा.सामान्य आपूर्ति के लिए 80 मेगावाट बिजली चाहिए. बढ़ोतरी के बाद भी 20 मेगावाट बिजली कटौती जारी रही. शहरी क्षेत्र में बिजली संकट गहराया रहा और लोगों के पसीने छूटते रहे.
अावंटन में कमी से बिजली कट ने उड़ायी लोगों की नींद : बिजली की कमी से एक तरफ शहरी क्षेत्र के लोग त्रस्त रहे, तो दूसरी तरफ बढ़ती मांग के आगे बिजली विभाग के इंजीनियर खुद को असमर्थ बता रहे. बिजली कटौती का आलम यह रहा कि लोगों को शाम से रात तक में चार-पांच घटे ही बिजली मिल सकी. रात के समय कम आपूर्ति की गयी, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिजली का और भी बुरा हाल रहा. बिजली का दर्शन होना दुर्लभ हो गया. दिन में आवंटन ठीक-ठीक मिलने से भी लोगों की दिनचर्या प्रभावित रही. रात के समय अावंटन में कमी से लगने वाले बिजली कट एवं मच्छरों के प्रकोप ने लोगों की नींद उड़ी रही.
परमिशन के पेच में फंसी रही वैकल्पिक व्यवस्था
आपात स्थिति में भी सुचारु बिजली आपूर्ति व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए एक लाख 32 हजार वोल्ट की ट्रांसमिशन लाइन को 33 हजार वोल्ट के डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में कनवर्ट कर सुलतानगंज ग्रिड से जोड़ा गया है. इसका फायदा नाथनगर विद्युत उपकेंद्र को मिल रहा है और जरूरत पर अलीगंज विद्युत उपकेंद्र को भी मिले, इसे भी एक तरफ से कनेक्ट किया है, ताकि सबौर ग्रिड से काट कर सुलतानगंज को बिजली आपूर्ति की जा सके.
आवंटन में कमी से ऐसा किया जा सकता था मगर, परमिशन के पेच में यह वैकल्पिक व्यवस्था फंसी रही और इसका समूचित लाभ अलीगंज एवं मोजाहिदपुर पावर हाउस से जुड़े उपभोक्ताओं को नहीं मिल सकी.
इन विद्युत उपकेंद्र के फीडर रहे रोटेशन पर
अलीगंज, सिविल सर्जन, टीटीसी, मोजाहिदपुर पावर हाउस, जगदीशपुर, गोराडीह, सबौर, कृषि विश्वविद्यालय, बरारी, सेंट्रल जेल एवं मायागंज विद्युत उपकेंद्र

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें