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एक्सपेंशन ज्वाइंट तोड़ने से सेतु का स्पेन खिसकने की आशंका

भागलपुर : विक्रमशिला सेतु का सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त पार्ट पाया संख्या दो और तीन के बीच आर्टिकुलेशन (जोड़बंदी) का स्पेंडेड स्पेन है. एक्सपेंशन ज्वाइंट को तोड़कर निकाल देने पर इसके खिसकने की आशंका है. सोमवार को एक एक्सपेंशन ज्वाइंट को सफलतापूर्वक तोड़कर निकाल दिया गया है, दूसरे को तोड़ने का काम चल रहा है. मुंबई […]

भागलपुर : विक्रमशिला सेतु का सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त पार्ट पाया संख्या दो और तीन के बीच आर्टिकुलेशन (जोड़बंदी) का स्पेंडेड स्पेन है. एक्सपेंशन ज्वाइंट को तोड़कर निकाल देने पर इसके खिसकने की आशंका है. सोमवार को एक एक्सपेंशन ज्वाइंट को सफलतापूर्वक तोड़कर निकाल दिया गया है, दूसरे को तोड़ने का काम चल रहा है. मुंबई की कार्य एजेंसी रोहरा रीबिल्ड जुगाड़ में जुटी है.
एक्सपेंशन ज्वाइंट तोड़ने में सावधानी बरत रही है. एक्सपर्ट इंजीनियर की मौजूदगी में कुशल मजदूरों से काम लिया जा रहा है. इसे हिसाब से ताेड़ा जा रहा है.
मंगलवार को दूसरे एक्सपेंशन को तोड़ कर निकाला जायेगा, तभी स्पेंडेड स्पेन के खिसकने की आशंका दूर होगी. दरअसल, यह स्पेंडेड स्पेन दो पायों के आर्टिकुलेशन(जोड़बंदी) पर बॉल-बियरिंग पर रखा और इससे कनेक्टिविटी एक्सपेंशन ज्वाइंट से है. एक्सपेंशन ज्वाइंट निकाल देने पर कनेक्टिविटी नहीं रह जायेगी. यह केवल बॉल-बियरिंग पर रह जायेगा.
चारों सेंटर का बॉल-बियरिंग पहले से खराब है. इस कारणवश यह एक-दूसरे स्पेन के पोजीशन में नहीं है. एक्सपेंशन ज्वाइंट निकलने पर स्पेंडेड स्पेन के सिखकर दूसरे स्पेन से सटने की आशंका है. हालांकि, कार्य एजेंसी का कहना है कि एक तरफ का एक्सपेंशन ज्वाइंट तोड़कर निकाल दिया गया है. इसके निकाले जाने से स्पेंडेड स्पेन खिसका नहीं है. यह अपने सेंटर पर है. इस वजह से आशंका दूर हो गयी है. फिर भी दूसरे एक्सपेंशन तोड़ कर निकालने भर की देर है. यह जब निकल जायेगा, तो पूरी तरह से आशंका दूर हो जायेगी.
चार अक्तूबर तक पूरा हो जायेगा सेतु की दरार में कार्बन प्लेट चिपकाने का काम : मुंबई की कार्य एजेंसी के अनुसार स्पेंडेड स्पेन में आयी दरार पर कार्बन प्लेट चिपकाने का काम तेजी से करायी जा रही है. यह काम चार अक्तूबर तक पूरा हो जायेगा. अभी जो काम कराया जा रहा है, इसमें दो तरह के कैमिकल को बाउंडिंग कर दरार में भरने के साथ-साथ इस पर कार्बन प्लेट चिपकाया जा रहा है. कैमिकल बाउंडिग करने से यह पत्थर से भी ज्यादा मजबूत हो जायेगा.
इस पर जो कार्बन प्लेट चिपकायी जा रही है, उससे इसकी मजबूती कई गुणा ज्यादा बढ़ जायेगी. इससे फिर दरार आना तो दूर, इसके तोड़ने पर टूटने की गुंजाइश नहीं रहेगी
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चिलचिलाती धूप और उमस में परेशान हुए राहगीर, मरीजों की बढ़ी तकलीफ :विक्रमशिला सेतु के मेंटनेंस को लेकर यातायात बाधित करने चौथे दिन भी राहगीरों को कई परेशानी उठानी पड़ी. सोमवार को मौसम में आये अचानक परिवर्तन से सेतु होकर गुजर रहे मरीजों की तकलीफ दोगुनी हो गयी. दरअसल अन्य दिनों की तरह हवा नहीं चलने से लोगों को चिलचिलाती धूप और उमस का सामना करना पड़ा.
लोग अपने छोटे छोटे बच्चों को कपड़े से ढंककर पैदल जाते देखे गये. वहीं भागलपुर से लौट रही मरीज अनीता के परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन से प्रसव हुआ है. मरीज का चलना मुश्किल है. बेतहाशा उमस और गर्मी के कारण सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है. हालांकि मरीज को हालत देख पुल पर मौजूद पुलिसकर्मी व्हील चेयर पर बिठाकर मरीज को दूसरी तरफ ऑटो स्टैंड पर ले गये. आश्वासन के बावजूद पुल पर एंबुलेंस नहीं दिखा.
इधर, दिनभर पुल पर भीषण गर्मी के बीच मौके पर गन्ने का रस, ठंडा पानी बेच रहे वेंडरों की खूब खरीदारी हुई है. वहीं सेतु पर सीमेंट की परत को उखाड़ने के दौरान उड़ रही धूल और पत्थर के टुकड़े से कई लोगों को चोट आयी.
शहर में रिश्तेदार व किराये पर रह रहे नवगछिया के छात्र : शहर में नवगछिया से रोजाना आने वाले स्कूली छात्रों के लिए भी पुल की मरम्मत से परेशानी खड़ी हो गयी है. स्कूलों से जानकारी मिली कि नवगछिया तक हमारी बसें नहीं पहुंच रही हैं.
छात्र व उनके अभिभावक कुछ दिन भागलपुर में अपने रिश्तेदार के यहां रुके हैं. वहीं कई छात्र लॉज व कमरे किराये पर लेकर रह रहे हैं. इक्के दुक्के सीनियर छात्र अब भी नवगछिया से आ रहे हैं. एसकेपी विद्या विहार के मणिकांत विक्रम ने बताया कि जीरोमाइल चौक तक स्कूल बस जा रही है. पुल पर यातायात बंद होने से पहले रोजाना करीब 30 छात्रों को बस लेने नवगछिया जाती थी. अधिकांश छात्र भागलपुर में रह रहे हैं. वहीं कुछ छात्रों को जीरोमाइल चौक से पिकअप किया जा रहा है.
विक्रमशिला सेतु : बदलेगी बॉल बियरिंग, मंगाया जायेगा क्रेन
विक्रमशिला सेतु के पाया संख्या दो और तीन के बीच बॉल-बियरिंग बदली जायेगी. यह काम पांच अक्तूबर से होगा. मगर, बाॅल-बियरिंग को बदलना मुंबई की कार्य एजेंसी रोहरा रीबिल्ड एसोसिएट के लिए चुनौती होगा. उन्हें क्रेन की जरूरत पड़ेगी. क्योंकि बॉल-बियरिंग वजनी है और इसे सेतु के नीचे सेंटर तक ले जाने में कठिनाई होगी.
कार्य एजेंसी के अनुसार रस्सी बांध कर नीचे तक बॉल-बियरिंग को पहुंचाया जा सकता है मगर, इसमें असुविधा होगी. क्रेन से आसानी से सेंटर तक बॉल-बियरिंग पहुंच जायेगा. हालांकि, इस पर अभी विचार चल रहा है. जो आसान लगेगा वहीं उपाय किया जायेगा. ज्यादा उम्मीद है कि बॉल-बियरिंग के लिए क्रेन काे ही इस्तेमाल में लाया जायेगा.
पांच अक्तूबर को उठाया जायेगा स्पेंडेड स्पेन
पांच अक्तूबर को हर हाल में स्पेंडेड स्पेन को हाइड्रोलिक जैक पर उठा दिया जायेगा. इसे उठाने का काम एक तरफ से होगा. इसको उठा कर बॉल-बियरिंग बदली जायेगी. यानी, एक तरफ से स्पेन को उठा कर पहले दो सेंटर का बॉल-बियिरंग बदली जायेगी. इसके बाद दूसरी ओर उठा कर बॉल-बियरिंग बदलने का काम होगा. यानी, बारी-बारी से दो दिन पांच व छह अक्तूबर को स्पेन को उठा कर बॉल-बियरिंग बदलेगा. इसके बाद एक-एक दिन नया एक्सपेंशन ज्वाइंट फिटिंग और कंक्रीट का काम होगा. फिर इसके ढलाई को मजबूत होने छोड़ा जायेगा.
बोले इंजीनियर
कार्य एजेंसी के इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि विक्रमशिला सेतु के पाया संख्या दो और तीन के बीच ऊपरी सड़क का एक एक्सपेंशन ज्वाइंट को तोड़ कर निकाल लिया गया है. इसके निकालने समय में स्पेंडेड स्पेन के खिसकने की आशंका बनी थी कि कहीं यह अपने स्थान से खिसक कर दूसरे स्पेन पर झुककर सट न जाये. मगर, यह सही सलामत है. स्पेन के खिसकने की आशंका दूर हो गयी है. दूसरे एक्सपेंशन ज्वाइंट काे मंगलवार को तोड़ कर निकाल लिया जायेगा.

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