168 करोड़ के सेतु पर नहीं जलती सभी लाइटें, पसरा रहता है अंधेरा
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु पर लगी स्ट्रीट लाइटें शोपीस बन कर रह गयी है. आला अधिकारियों का भी आना-जाना होता है. अभी तो मजिस्ट्रेट तक की पुल पर ड्यूटी है लेकिन किसी ने इस समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी. इसके एप्रोच रोड का तो कई खंभे क्षतिग्रस्त है. एक तरफ झुक जाने से यह […]
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु पर लगी स्ट्रीट लाइटें शोपीस बन कर रह गयी है. आला अधिकारियों का भी आना-जाना होता है. अभी तो मजिस्ट्रेट तक की पुल पर ड्यूटी है लेकिन किसी ने इस समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी. इसके एप्रोच रोड का तो कई खंभे क्षतिग्रस्त है.
एक तरफ झुक जाने से यह कभी भी गिर सकता है. साल 2009 में वेपर लाइट लगायी गयी है. तकरीबन आठ-नौ माह तक यह जैसे-तैसे जलता रहा. इसके बाद फ्यूज और केबल में कट के चलते सेतु अंधेरे में डूब गया. तब से अब तक सेतु पर अंधेरा छाया रहता है. पहले नवगछिया की ओर लगे ट्रांसफॉर्मर खराब होने के बाद दुबारा नहीं लगाना बताया जाता है.
जानकारों की मानें तो जेनेरेटर बेकार पड़ा है. विभाग ने 20 लाख रुपये खर्च कर 10-10 लाख रुपये के दो जेनरेटर खरीदे थे, लेकिन इसमें डीजल की व्यवस्था नहीं की जा सकी थी. जेनेरेटर चलाने वाले की भी तैनाती नहीं हो सकी थी. वहीं समय-समय पर फ्यूज वेपर लाइट भी नहीं बदला जाना सेतु पर अंधेरा फैलने का प्रमुख कारण है.
ज्यादातर लाइटें खराब: सेतु पर करीब 198 लाइटें लगीं है. अधिकतर लाइटें खराब हो चुकी है, जिसे बदला नहीं जा सका है. बिजली रहने के बावजूद पुल पर अंधेरा छाया रहता है. तीन करोड़ की लागत से विद्युतीकरण हुआ था. कार्य बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने कराया था. देखरेख का जिम्मा भी उसी पर है.