सहकारिता विभाग के ऑडिट के पेच में फंसी 5000 महिलाओं की जमा-पूंजी
भागलपुर : सहकारिता विभाग के ऑडिट रिपोर्ट के पेच में 5000 ग्रामीण महिलाओं की जमा पूंजी फंसी हुई है. विभाग के ऑडिटर के दो महीने पहले भेजे गये इनवेंटरी व विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट पर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है. इस कारण महिलाओं को भी उनकी जमा पूंजी नहीं लौटायी जा रही है. संबंधित […]
भागलपुर : सहकारिता विभाग के ऑडिट रिपोर्ट के पेच में 5000 ग्रामीण महिलाओं की जमा पूंजी फंसी हुई है. विभाग के ऑडिटर के दो महीने पहले भेजे गये इनवेंटरी व विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट पर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है. इस कारण महिलाओं को भी उनकी जमा पूंजी नहीं लौटायी जा रही है. संबंधित महिलाएं बार-बार सृजन महिला विकास सहयोग समिति के दफ्तर का भी चक्कर काट रही हैं.
पिछले दिनों ऐसी ही महिलाओं के समूह ने प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार को ज्ञापन भी दिया. प्रमंडलीय आयुक्त की तरफ से क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी ने डीएम प्रणव कुमार से रिपोर्ट मांगी है. इस पत्र में क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी ने दो बार के रिमांइडर का भी हवाला दिया है.
घोटाले के बाद बंद पड़ी है गतिविधि
घोटाले के बाद पहले एसआइटी व बाद में सीबीआइ जांच शुरू होने के बाद वहां पर कोई गतिविधि नहीं हो रही है. कहा जाता है कि सहकारिता विभाग से ऑडिट के आधार पर पूंजी के लेन-देन का निर्देश आयेगा, जिसके बाद ही महिलाओं की समस्या का समाधान संभव है.
10 सालों तक के घोटाले के दौर के पदाधिकारी पर नहीं हो सकी कार्रवाई
सृजन घोटाले का दौर 10 सालों तक रहा. महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में संबंधित विभाग जिला नजारत, जिला कल्याण कार्यालय, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, जिला परिषद में घोटाले हुए. इसके साथ ही विभिन्न प्रखंड में भी राशि की अवैध निकासी हुई. इस घोटाले में संंबंधित विभाग के डीडीओ वहां के बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी थे.
इन पदाधिकारियों की नजर अंदाज रवैये के कारण राशि की निकासी की मॉनीटरिंग नहीं हुई और घोटालेबाज पैसा ले गये. ऑडिट में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सूची मांगी गयी थी, जो जिम्मेदार थे. सामान्य प्रशासन ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई की बात कहा था.