जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर से मुलाकात के बाद बोली बेटी निकिता, CBI कर रही टॉर्चर
भागलपुर : विगत 11 अक्तूबर 2018 को मुजफ्फरपुर से भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा (कैम्प जेल) लाये गये बालिका गृह कांड के आरोपित ब्रजेश ठाकुर से सोमवार को उनकी बेटी और नतनी ने मुलाकात की. मुलाकत के लिये वे लोग एक सफेद रंग की गाड़ी से सुबह ही भागलपुर पहुंचे. करीब तीन घंटों तक हुई मुलाकात […]
भागलपुर : विगत 11 अक्तूबर 2018 को मुजफ्फरपुर से भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा (कैम्प जेल) लाये गये बालिका गृह कांड के आरोपित ब्रजेश ठाकुर से सोमवार को उनकी बेटी और नतनी ने मुलाकात की. मुलाकत के लिये वे लोग एक सफेद रंग की गाड़ी से सुबह ही भागलपुर पहुंचे. करीब तीन घंटों तक हुई मुलाकात में बेटी निकिता आनंद ने अपने पिता ब्रजेश ठाकुर से उनकी तबीयत के बारे में पूछा. साथ ही कुछ कानूनी सवालों पर भी उन दोनों के बीच चर्चा हुई. ब्रजेश ठाकुर से मिलने के लिये उनकी नतनी भी आयी हुई थी. बता दें कि भागलपुर जेल में शिफ्ट किये जाने के बाद ब्रजेश ठाकुर को कैम्प जेल के हाइ सिक्योरिटी थर्ड सेल में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया है.
हमारे स्टाफ और जानने वालों को टॉर्चर कर रही है सीबीआई : निकिता
ब्रजेश ठाकुर से मुलाकात के बाद जेल से बाहर निकली निकिता आनंद ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सीबीआइ ने उन लोगों के स्टाफ समेत कई जानने वाले लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया है उन लोगों ने अपने परिवार वालों को बताया है कि उन्हें सीबीआइ ने बुरी तरह टॉर्चर किया. सीबीआइ ने उन लोगों से दबाव बनाकर झूठा और गलत बयान लेने की बात भी कही गयी है.
निकिता ने बताया कि जिन लड़कियों के गायब होने की बात कही गयी है पहले सीबीआइ उन्हें खोजे. उनके पिता पर लगाये गये सारे आरोप बेबुनियाद हैं. निकिता ने बताया कि सीबीआइ द्वारा उनके और उनके पूरे परिवार के बैंक खाता यहां तक की सैलरी अकाउंट को भी सीज करा दिया गया है. वहीं उनके हेल्प के लिये भी कोई सामने नहीं आ रहा है. ऐसे में कोर्ट-कचहरी समेत परिवार का खर्च चलाना भी उनके परिवार के लिये मुश्किल हो गया है. बैंक खातों के सीज हो जाने की वजह से उन्हें आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है.
स्लिप डिस्क की बीमारी से ग्रसित हैं ब्रजेश ठाकुर, जेल में लगा रहे बेल्ट
ब्रजेश ठाकुर की बेटी निकिता आनंद ने बताया कि उनके पिता स्लिप डिस्क की बीमारी से ग्रसित हैं. वहीं जेल में उन्हें जमीन पर ही सोना पड़ रहा है. डाॅक्टरों ने उन्हें इंडियन कमोर्ड के इस्तेमाल से मना किया था. पर जेल में होने की वजह से उन्हें इंडियन कमोर्ड का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है. इसकी वजह से उनके पिता के कमर दर्द की बीमारी बढ़ गयी है. फिल्हाल ब्रजेश ठाकुर जेल में कमर दर्द के लिये लगाये जाने वाले ऑर्थोपेडिक बेल्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
सीबीआइ ने लगाया था जेल में मोबाइल उपयोग करने का आरोप
बता दें कि इससे पूर्व मामले की जांच में हो रही परेशानी का हवाला देते हुए सीबीआइ ने ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर जेल से भागलपुर कैम्प जेल में शिफ्ट करवा था. और अब सीबीआइ ने इसी बात का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी. निकिता ने बताया कि उनके पिता ब्रजेश ठाकुर पर मुजफ्फरपुर जेल में रहने के दौरान मोबाइल रखने का आरोप लगाया गया था. जोकि पूरी तरह से गलत है. वहीं गवाहों को परेशान करने का आरोप भी पूरी तरह से बेबुनियाद है.