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गोशाला की जमीन से कब्जा हटाने को दायर होगा रिट, हर गाय का बनेगा मेडिकल बुक, चारे के लिए जगदीशपुर में होगी व्यवस्था
भागलपुर : कुप्रबंधन व जायदाद विवाद को लेकर चर्चा में आये नया बाजार स्थित गोशाला का निरीक्षण करने मंगलवार को एसडीओ आशीष नारायण पहुंचे. सदर एसडीओ गोशाला परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रुके. उन्होंने गाय को खिलाया जा रहा चारा, बीमार गाय की हालत और गोशाला परिसर की साफ-सफाई का निरीक्षण किया. इस दौरान […]
भागलपुर : कुप्रबंधन व जायदाद विवाद को लेकर चर्चा में आये नया बाजार स्थित गोशाला का निरीक्षण करने मंगलवार को एसडीओ आशीष नारायण पहुंचे. सदर एसडीओ गोशाला परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रुके. उन्होंने गाय को खिलाया जा रहा चारा, बीमार गाय की हालत और गोशाला परिसर की साफ-सफाई का निरीक्षण किया.
इस दौरान श्री नारायण ने कहा कि जगदीशपुर में पांच एकड़ जमीन हरे चारे की खेती के लिए चिह्नित की जायेगी. उक्त जमीन को तार से घेरा जायेगा. गोशाला के पशुओं के लिए यहां से हरा चारा मिलेगा. इसके साथ यह व्यवस्था की जायेगी कि प्रत्येक गाय का मेडिकल बुक बने, जिससे उनकी निगरानी बेहतर होगी.
इससे पूर्व निरीक्षण के दौरान श्री गोशाला प्रबंधन समिति और गोशाला बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य भी मौजूद थे. इस दौरान सदर एसडीओ ने गोशाला के कागजातों की पड़ताल भी की. प्रबंध समिति के सदस्यों ने उन्हें अकाउंट, ऑडिट बैलेंस व जमीन के सारे कागजात दिखाये. प्रबंध समिति ने सदर एसडीओ को बताया कि जगदीशपुर, गाेराडीह और नाथनगर में स्थित गोशाला की 28 एकड़ जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया है. कागजात देखने के बाद उन्होंने प्रबंध समिति को सलाह दी कि जमीन पर दोबारा कब्जा के लिए हाइकोर्ट में रिट दायर करें.
सदर एसडीओ की बात पर सभी ने सहमति जतायी. निरीक्षण के बाद एसडीओ ने बताया कि गोशाला की जांच की गयी है. जल्द ही इसको लेकर निर्णय लिया जायेगा. मौके पर श्री गोशाला के महामंत्री सत्यनारायण पोद्दार, मंत्री शिव कुमार केडिया व कार्यसमिति सदस्य गिरिधारी केजरीवाल मौजूद थे. वहीं गोशाला बचाओ संघर्ष समिति के आेम भास्कर व अन्य सदस्य भी मौजूद थे.
750 एकड़ जमीन अभी भी गोशाला के नाम से : महामंत्री सत्यनारायण पोद्दार ने बताया कि 1994 में राज्य सरकार ने गोशाला की जमीन पर सरकारी अधिपत्य की घोषणा की थी. अब तक श्री गोशाला भागलपुर की 750 एकड़जमीन गोशाला के नाम से है, पर कब्जा नहीं है. गोशाला की जमीन दोबारा वापस ली जायेगी.
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जायेगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल गोशाला के पास 28 एकड़ जमीन है. जगदीशपुर में स्थित 7.30 एकड़ जमीन की मिट्टी खोद कर दबंग इसे बेच रहे हैं. जगदीशपुर समेत नाथनगर और गोराडीह की जमीन को अंचलाधिकारी से चिह्नितकरने की मांग एसडीओ से की गयी है. इसकी घेराबंदी कर यहां गायके लिए हरा चारा का उत्पादन किया जायेगा. हरा चारा नहीं मिलने से गाय और बछड़े मर रहे हैं.
अक्तूबर में चार गाय और चार बछड़ा मर गये
इधर, गोशाला बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य ओम भास्कर ने बताया कि अक्तूबर माह में चार गाय और चार बछड़े की मौत हो चुकी है. मिलीभगत कर एसडीओ को बुलाया गया. अधिकारी को कागजों में उलझाये रखा गया, ताकि उनको सच नहीं पता चल पाये. गाय के खाना, पानी और उपचार की व्यवस्था नहीं है. 10 वर्ष से प्रबंध समिति का चुनाव नहीं हुआ है. जबकि पांच साल में होना चाहिए. ओम भास्कर ने बताया कि हम गाय की सेवा के लिए काम कर रहे हैं. कमेटी में शामिल होने के लिए नहीं. वर्तमान गोशाला समिति भ्रष्ट है. गोशाला की संपत्ति की उच्चस्तरीय जांच करायी जाये तो बड़ा घोटाला सामने आयेगा. आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक स्थिति पूरी तरह सुधरती नहीं है.
एसडीओ ने जो निर्देश दिये
गोशाला कार्यकारिणी द्वारा हर वर्ष सीए से ऑडिट कराया जा रहा है. ऑडिट रिपोर्ट का अध्ययन किया जायेगा.
गोशाला के गोबर गैस प्लांट की जर्जर हालत के बदले वर्मी कंपोस्ट खाद लगाया जाये. इसके लिए पशुपालन व कृषि विभाग को पत्र लिखेंगे.
गोशाला की सफाई व्यवस्था को और बढ़िया किया जाये.
गोशाला में आनेवाली प्रत्येक गाय की इंट्री के साथ ही मेडिकल बुक बने. यह पशु चिकित्सा के अधीन हो. यह मेडिकल बुक गाय के मरने तक की हो.
गोशाला की कुल जमीन को चिह्नित करने के बारे में जगदीशपुर अंचलाधिकारी को कहा जायेगा. जिससे जमीन की जमीनी हकीकत के बारे में पता लग सके. सीओ के रिपोर्ट से ही अतिक्रमण का भी खुलासा होगा.
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