मानव व्यापार के आरोप में राेहित मुनि बिहार के कहलगांव से गिरफ्तार, बड़े सपने के चक्कर में भागा था दिल्ली
भागलपुर : मानव व्यापार के आरोप में पांच वर्षों से फरार कहलगांव थाने के त्रिमुहान गांव से रोहित मुनि (43) को सिमडेगा पुलिस ने कहलगांव पुलिस के सहयोग से बुधवार की शाम गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार करने गयी पुलिस को आरोपित के परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ा. कवरेज करने गये पुलिस के फोटोग्राफर […]
भागलपुर : मानव व्यापार के आरोप में पांच वर्षों से फरार कहलगांव थाने के त्रिमुहान गांव से रोहित मुनि (43) को सिमडेगा पुलिस ने कहलगांव पुलिस के सहयोग से बुधवार की शाम गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार करने गयी पुलिस को आरोपित के परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ा. कवरेज करने गये पुलिस के फोटोग्राफर को परिजनों ने धमकाया. सिमडेगा पुलिस के अधिकारी अरविंद कुमार सिंह व एम हक की टीम ने आरोपित के कहलगांव स्थित त्रिमुहान में रहने की खबर देने पर कहलगांव पुलिस ने कार्रवाई की.
कहलगांव एसडीपीओ दिलनवाज अहमद ने बताया कि गिरफ्तार रोहित मुनि की पत्नी प्रज्ञा मुनि को दिल्ली में सिमडेगा व एटीएस के सहयोग से पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों पर नौकरी देने के नाम पर भोली-भाली लड़कियों को सब्जबाग दिखा कर घरेलू नौकर के रूप में उनको दलालों के पास बेच दिया जाता था. इस मामले में आरोपित रोहित मुनि व प्रज्ञा मुनि पर सिमडेगा थाने में आइटीपी एक्ट 1956 के तहत आमुस कन्डुलना (जलडेगा, जिला सिमडेगा) ) ने 6 मई, 2013 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
रोहित मुनि छोटी उम्र में ही बड़े सपने के चक्कर में घर से दिल्ली भागा था
रोहित मुनि के गांव के लोग बताते हैं कि वह छोटी-सी उम्र से ही बड़े सपने देखा करता था. 45 वर्षीय मुनि करीब दस वर्ष की उम्र में ही काम की तलाश में घर से दिल्ली भाग गया था. सिमडेगा पुलिस से प्राप्त सूचना के अनुसार मुनि दिल्ली जाकर काम की तलाश में कई माह दर दर भटकता रहा. अंततः थक हार कर बचपन में अपने पिता से सीखे सिलाई के गुर को आरपीएम सिलाई सेंटर खोलकर इस छोटे से कारोबार को शुरू किया. इसी कारोबार के दौरान उसकी जान पहचान दिल्ली की ही एक महिला कांस्टेबल से हुई. उक्त महिला के पति की मृत्यु के बाद दोनों एक-दूसरे के हो गये. यह वाकया करीब दस वर्ष पहले की बतायी जा रही है.
कहते हैं कि तब से मुनि व उसकी पत्नी ने कभी मुड़कर नहीं देखा. दिल्ली में वह आलीशान भवन में रहता था. इसी क्रम में दोनों ने बिहार, झारखंड, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ से नाबालिग लड़कियों का व्यापार शुरू कर दिया. स्थानीय दलालों के माध्यम से गरीबों की बेटियों को सब्जबाग दिखाकर उसे काम दिलाने व सुखमय जिंदगी जीने की बात कह कर दिल्ली ले जाने लगा. बाद में उन बच्चों को दलाल के हाथ बेच देने लगा. कहते हैं कि इस अवैध धंधे को छिपाने के लिए इन दोनों ने इस बीच कई एनजीओ की स्थापना भी की. साथ ही अंदर कुछ और बाहर कुछ और जैसे अपने चेहरे को बलशाली व धारदार बनाने के लिए अपने एनजीओ के सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिल्ली के बड़े-बड़े राजनीतिक चेहरे को मंच पर कुर्सी देने लगा.
बेटी गयी थी विदेश
कहलगांव स्थित थाने में ही गिरफ्तार रोहित मुनि ने बताया कि हाल ही में उसकी बेटी भारत के युवा की मौजूदा सोच विषय पर भाषण देने देश की ओर से अर्जेंटीना गयी थी. चर्चा है कि मुनि की दोनों बेटी की सोच भी पिता की ही तरह आसमानी व पल में आसमान छूने जैसा ही है. उसके एनजीओ व क्रियाकलापों की चर्चा यू ट्यूब पर भी पल-पल आता रहता है.
गिरफ्तारी के भय से पिछले चार माह से कई ठिकाने बदल रहा था रोहित
सिमडेगा पुलिस के अनुसार, मानव व्यापार के आरोपित रहे रोहित मुनि (पिता-कृष्णदेव मुनि) के खिलाफ सिमडेगा जिला व अपर सत्र न्याधीश द्वारा पिछले 27 जून, 2018 को उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया था. कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए सिमडेगा पुलिस रोहित मुनि को पकडनै के लिए हरकत में आ गयी थी. कहते है पुलिस के इस कार्यवाही की सूचना मिलते ही आरोपित रोहित मुनि अपने दिल्ली स्थित आवास (48/72, वेस्ट पंजाबी बाग, थाना-पंजाबी बाग, जिला-वेस्ट दिल्ली) से फरार हो गया था. इधर, फरारी के करीब चार माह के दौरान अपनी दोनों बेटियों के साथ अपना ठिकाना बदलता रहा.
एक सप्ताह पूर्व ही वह दीपावली मनाने वह अपने पैतृक घर कहलगांव स्थित त्रिमुहान आया था. इस दरम्यान वह पुलिस की डर से वह घर से बाहर नहीं निकलता था. इसी बीच सिमडेगा पुलिस को रोहित के कहलगांव में रहने की सूचना मिली. बीते बुधवार की शाम कहलगांव पुलिस के सहयोग से रोहित को गिरफ्तार कर सिमडेगा पुलिस सीजीएम कोर्ट के आदेश पर रिमांड पर लेकर अपने साथ ले गयी.