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नहाय-खाय के साथ रविवार को महापर्व का होगा आगाज, निगम की तैयारियां अधूरी, दलदली और गंदगी से पटे घाटों पर कैसे होगा अर्घ अर्पण
भागलपुर : लोक आस्था का महापर्व छठ रविवार को नहाय-खाय के साथ ही शुरू हो जायेगा. लेकिन कुछ घाटों को छोड़ ज्यादातर घाटों पर निगम की ओर से साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं हो पायी है. शहर के ज्यादातर घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अर्घ्य देने जुटती है. लेकिन अब तक हालात यह हैं कि […]
भागलपुर : लोक आस्था का महापर्व छठ रविवार को नहाय-खाय के साथ ही शुरू हो जायेगा. लेकिन कुछ घाटों को छोड़ ज्यादातर घाटों पर निगम की ओर से साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं हो पायी है. शहर के ज्यादातर घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अर्घ्य देने जुटती है. लेकिन अब तक हालात यह हैं कि कुछ घाट दलदली हैं, जबकि कई घाटों पर कीचड़ और गंदगी के अंबार लगे हैं.
वहीं कुछ घाटों पर पानी ही नहीं है. हालात यह है कि अगर डैम से पानी नहीं छोड़ा गया तो लोगों को कीचड़युक्त पानी में अर्घ देना होगा. प्रभात खबर की टीम ने छठ घाटों का निरीक्षण किया. एक रिपोर्ट
पुल घाट
सभी घाटों में पुल घाट ही सबसे अच्छा है, जहां दूर तक पक्के की सीढ़ी बनी हुई है. इस घाट पर छठ में बरारी के अलावा शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र के लाेगाें की भारी भीड़ नहाय-खाय से ही शुरू हो जाता है. अर्घ के दिन तो पैर रखने तक की जगह नहीं होती है. लेकिन बाढ़ का पानी घटने के बाद सीढ़ी पर मिट्टी की परत जम गयी है. ऐसे में यहां घाट पर फिसलन जैसे हालात बन जाते हैं. \
विसर्जन घाट
यह घाट काफी चौड़ा है. लेकिन यहां काफी दलदल है. इसी घाट पर शनिवार को विसर्जन होना है. नगर निगम के द्वारा यहां पर सफाई का काम शुरू कर दिया है. लेकिन नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि दलदल को कैसे सही किया जाये. अधिक दलदल होने की वजह से यहां अर्घ देना तो दूर खड़ा हो पाना भी मुश्किल है.
मानिक सरकार घाट
इस घाट से गंगा काफी दूर जा चुकी है. पानी गंदे नाले में तब्दील हो चुका है और कचरे से यहां खड़ा हो पाना भी मुश्किल है. नाले का पानी भी इसी जगह पर आकर मिलता है. आसपास के लोग अबतक यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि, डैम से पानी खुलेगा और यहां छठ पर लोग अर्घ अर्पित कर सकेंगे. लेकिन फिलहाल प्रशासन की ओर से ऐसी किसी संभावना से इंकार किया जा रहा है. ऐसे में लोगों को गंदगी और गंदे नाले के आसपास ही पर्व मनाने को मजबूर होना पड़ेगा.
बूढ़ानाथ घाट
यहां घाट और जगह की कमी नहीं है. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यहां घाट से पानी की धार काफी दूर जा चुकी है. यहां पानी काफी गंदा हो चुका है. यहां की पूजा समिति ने भी जिलाधिकारी से घाट निरीक्षण के दौरान डैम से पानी छोड़ने की मांग की थी. लेकिन डैम में पानी की कमी की बात कहकर इस बात से इंकार कर दिया गया. साथ ही घाट के आसपास फैली गंदगी भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
सज गये छठ के बाजार
भागलपुर : 11 नवंबर को नहाय खाय के साथ आस्था का महापर्व छठ शुरू हो जायेगा. इसे लेकर बाजार सजने लगा. व्रतियों द्वारा खरीदारी शुरू कर दी गयी है. इससे बाजार में छठ को लेकर रौनक बढ़ चुकी है. छठ बाजार पर भी महंगाई का साया है. सभी चीजों फल, सूप, डलिया व पूजन सामग्री के दाम पर 10 फीसदी तक महंगाई की मार है.
गंगा तट पर पूजन सामग्री के लगे स्टॉल
गंगा तट पर भीड़ से बचने के लिए दीपावली की सुबह से ही श्रद्धालुओं का गंगा स्नान को लेकर आना शुरू हो गया. इधर पूजन सामग्री व शृंगार के सामान का स्टॉल भी सजा दिया गया. इतना ही व्रती एडवांस खरीदारी कर ही लौट रही हैं. बाजार में टाभ, नारियल, छठ से संबंधित पूजन सामग्री व स्थानीय फल व कंदमूल बाजार में दिखने लगे. सूप बेचने वाले केशो दास ने बताया कि सूप और डलिया कम बने हैं. अधिकतर सूप व डलिया सबौर, कहलगांव व दुमका से आते हैं.
इस बार सूप व डलिया के दाम 20 फीसदी बढ़ गये हैं. पिछले बार जिस सूप के दाम 80 रुपये जोड़ा था उसका दाम 100 रुपये जोड़ा हो गया है,100 रुपये जोड़ा वाला 130 रुपये जोड़ा हो गया है. वहीं डलिया के दाम में 20 रुपये प्रति पीस बढ़ गया है. फल दुकानदार मो साहेब ने बताया कि कुछेक फल को छोड़ हरेक फल के दाम में 10 रुपये प्रति किलो बढ़ा है. चूंकि छठ पूजा में सामान्य दिनों से फलों की मांग बढ़ जाती है. आपूर्ति के हिसाब से फल के दाम बढ़ जाते हैं.
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