एटीएम में नोट नही ‘मैनेज’ कर रहे लोग
भागलपुर: ऊमस भरी गरमी है और कूलर खरीदना है. मैनेज कर लो. बेटी को विदा करना है तो सामान देना पड़ेगा. बाद में विदा करना, अभी मैनेज कर लो. बच्च साइकिल के लिए जिद कर रहा है. पिता समझाते हैं, बेटा अभी कुछ दिन मैनेज कर लो. इन दिनों हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए शहरवासियों […]
भागलपुर: ऊमस भरी गरमी है और कूलर खरीदना है. मैनेज कर लो. बेटी को विदा करना है तो सामान देना पड़ेगा. बाद में विदा करना, अभी मैनेज कर लो. बच्च साइकिल के लिए जिद कर रहा है.
पिता समझाते हैं, बेटा अभी कुछ दिन मैनेज कर लो. इन दिनों हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए शहरवासियों को मैनेज करना पड़ रहा है, कारण एटीएम में नोट नहीं हैं. बैंकों में लाइन लग कर पैसा निकालने में एक तो समय ज्यादा लगता है, दूसरा ऊमस भरी गरमी में लोग घर से निकलने से कतराते हैं. इस कारण लोग बैंक जाने की बजाय मैनेज करना बेहतर समझ रहे हैं.
इससे एटीएम के जरिये लोगों का पैसा बाजार तक नहीं पहुंच रहा है. दुकान में खरीदारों की भीड़ कम होने लगी है. विभिन्न बैंकों के 70 से अधिक एटीएम केवल शहर में है. इसमें से 50 से अधिक एटीएम एसबीआइ का है. इन एटीएम में नोटों की खपत रोजाना छह करोड़ से अधिक है. एटीएम में नोट नहीं भरे जाने से खपत घट कर एक से डेढ़ करोड़ हो गयी है.