मंत्रालय ने पूछा चिह्नित जगह पर दूसरा पुल जरूरी क्यों
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु के पूरब में कुछ दूरी पर समानांतर पुल का निर्माण के लिए जो जगह चिह्नित है, उस पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली ने सवाल खड़ा कर दिया है. मंत्रालय ने पूछा है कि वहां पर ही निर्माण कराना क्यों जरूरी है. क्या, इसके आगे-पीछे हो नहीं सकता है? […]
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु के पूरब में कुछ दूरी पर समानांतर पुल का निर्माण के लिए जो जगह चिह्नित है, उस पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली ने सवाल खड़ा कर दिया है. मंत्रालय ने पूछा है कि वहां पर ही निर्माण कराना क्यों जरूरी है. क्या, इसके आगे-पीछे हो नहीं सकता है? मंत्रालय ने इसका जवाब मांगा है.
साथ ही कहा कि वेरिफिकेशन कर इसकी रिपोर्ट सौंपे. पूर्व में चिह्नित जगह का वेरिफिकेशन के लिए टीम गठित कर ली गयी है. टीम में एनएच के रीजनल ऑफिसर (आरओ) एवं मंत्रालय के चीफ इंजीनियर व अन्य शामिल हैं. यह टीम जल्द ही भागलपुर आयेगी और समानांतर पुल के लिए चिह्नित जगह का निरीक्षण करेगी. दूसरी जगहों पर भी पुल निर्माण की संभावना तलाशने का काम करेगी.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार ऐसा इसलिए, पूछा जा रहा है क्योंकि समानांतर पुल निर्माण के लिए जगह में थोड़े भी बदलाव से अगर स्पेन की संख्या में कमी आयेगी, तो इससे लागत भी कम हो जायेगी. विक्रमशिला सेतु के पूरब में कुछ दूरी पर ही समानांतर पुल का निर्माण के लिए जगह चिह्नित है. वहीं चिह्नित जगह के आधार पर ही डीपीआर तैयार हुआ है.
मंत्रालय में जमा है 1700 करोड़ का डीपीआर
एनएच के रीजनल ऑफिसर एवं मंत्रालय के चीफ इंजीनियर व अन्य अधिकारियों की टीम गठित
जल्द ही भागलपुर आकर करेंगे स्पॉट वेरिफिकेशन, बदल सकती है पुल निर्माण की जगह
स्पॉट वेरिफिकेशन रिपोर्ट को केंद्रित कर डीपीआर पर फिर होगी मंत्रालय में बैठक
स्पॉट वेरिफिकेशन की रिपोर्ट पर फिर मंत्रालय में होगी बैठक
वर्तमान में 1700 करोड़ का डीपीआर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, दिल्ली में जमा है. डीपीआर पर 19 नवंबर को बैठक तक हो गयी है. गठित टीम की ओर से स्पॉट वेरिफिकेशन की रिपोर्ट सौंपे जाने के उपरांत डीपीआर पर फिर से मंत्रालय में बैठक होगी. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो इस पर मंत्रालय की न केवल अंतिम मुहर लगेगी, बल्कि यह टेंडर में चला जायेगा.
आना-जाना होगा सुगम
समानांतर पुल के निर्माण से विक्रमशिला पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जायेगा. उत्तर और दक्षिणी बिहार के जिलों में फिर से आना-जाना सुगम हो जायेगा. वर्तमान में गंगा नदी पर बने विक्रमशिला सेतु से खगड़िया, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार समेत पूर्वोत्तर के राज्यों तक जाने के लिए लोगों को सेवा तो मिल रही है, लेकिन यातायात का लोड बढ़ने से इस पर अब रोजाना जाम लगा रहता है.
इससे छुटकारे का एक मात्र विकल्प समानांतर पुल का निर्माण है. विक्रमशिला सेतु का उद्घाटन 23 जुलाई 2001 को पूर्व मुख्य मंत्री राबड़ी देवी ने किया था और इसका शिलान्यास 15 नवंबर 1990 में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था. पुल बनकर तैयार होने में 11 साल लग गए थे.
विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल का निर्माण होना तय है, लेकिन जो चिह्नित जगह है, उसके लिए मंत्रालय से पूछा गया है कि वहीं पर निर्माण कराना क्यों जरूरी है. इसका जवाब मांगा गया है. एनएच के रीजनल ऑफिसर एवं मंत्रालय के चीफ इंजीनियर आदि की टीम बनी है और उनके द्वारा ही वेरिफिकेशन कर रिपोर्ट सौंपी जायेगी. जल्द ही यह टीम भागलपुर आयेगी.