भागलपुर : बुडको ने प्रधान सचिव से मांगा सृजन घोटाले की राशि वसूल करने का दिशा-निर्देश
भागलपुर : बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) ने सृजन घोटाला में गयी जिला शहरी विकास अभिकरण की राशि वसूली करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव से दिशा-निर्देश मांगा है. इस बाबत बुडको के कार्यपालक अभियंता ने प्रधान सचिव को पत्र भेजा है. इस मामले में बैंक ऑफ […]
भागलपुर : बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) ने सृजन घोटाला में गयी जिला शहरी विकास अभिकरण की राशि वसूली करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव से दिशा-निर्देश मांगा है. इस बाबत बुडको के कार्यपालक अभियंता ने प्रधान सचिव को पत्र भेजा है.
इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की भागलपुर शाखा पर जिला शहरी विकास अभिकरण, भागलपुर के खाते से धोखाधड़ी कर राशि सृजन को ट्रांसफर करने का आरोप है.
बुडको के कार्यपालक अभियंता द्वारा प्रधान सचिव को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि जिला शहरी विकास अभिकरण, भागलपुर का दो बैंक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा, भागलपुर में संचालित था. बिना किसी पदाधिकारी के आदेश के बैंक द्वारा धोखाधड़ी कर कुल 15.8050479 करोड़ रुपये सृजन को ट्रांसफर कर दिया गया.
तत्कालीन कार्यपालक अभियंता द्वारा वित्तीय अनियमितता, धोखाधड़ी के लिए संबंधित के विरुद्ध 13.8.2017 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. दिनांक 23.4.2013 से 19.7.2017 के बीच सृजन के द्वारा कुल 12.1945687 करोड़ रुपये उक्त बैंक खाता में ट्रांसफर कर दिया गया. इस तरह कुल 3.6104792 करोड़ रुपये शेष बच जाता है, जिसकी वसूली करने का मार्गदर्शन कार्यपालक अभियंता ने मांगा है.
राजीव रंजन को नहीं भेजा नोटिस अब सुनवाई 14 को
भागलपुर. पटना में विभागीय कार्रवाई में सामान्य प्रशासन के जांच अधिकारी सुभाष शर्मा के सामने पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह सोमवार को भी नहीं आये. इससे पहले भी तीन दिसंबर की सुनवाई में भी राजीव रंजन सिंह नहीं आये थे. दूसरी ओर राजीव रंजन के पूरक आरोप पत्र समय से नहीं पहुंचने व इस पत्र के आधार पर नोटिस जारी नहीं करने के कारण अगली सुनवाई की तिथि 14 दिसंबर को तय कर दी गयी.
पिछले दिनों भू-अर्जन विभाग ने आरोपित राजीव रंजन सिंह के खिलाफ पूरक आरोप पत्र का गठन किया था, जिसमें यह उल्लेख किया कि आरोपित ने बगैर विभागीय अनुमति के बीओबी में खाता खुलावाया. उक्त आरोप पत्र को लेकर जांच अधिकारी ने निर्देश दिया था कि पूरक आरोप पत्र के आधार पर नोटिस भेजा जाये.
जिले से यह आरोप पत्र सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया. सूत्रों ने बताया कि राजीव रंजन को नोटिस भेजने से पहले पूरक आरोप पत्र पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन की जरूरत थी, जो समय पर पूरी नहीं की जा सकी. इस कारण राजीव रंजन को नोटिस नहीं भेजा जा सका. अब आरोप पत्र पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद राजीव रंजन को नोटिस भेजा जायेगा. फिर राजीव रंजन का जवाब को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जायेगी. जवाब नहीं मिलने पर निर्णय लिया जायेगा.