भागलपुर : जेएलएनएमसीएच, मायागंज परिसर में इन दिनों रोज सुबह 10 बजे एक लग्जरी गाड़ी आती है. गाड़ी में तैयार खाना रखा रहता है. गाड़ी के लोग परिसर में गाड़ी खड़ा कर वहां तिरपाल टांग देते हैं और फिर लाइन लगा कर वहां पर 25 रुपये प्रति प्लेट की दर से लोगों में खाना बांटना शुरू कर दिया जाता है. यह काम रोज हो रहा.
इस दौरान परिसर में मौजूद गार्ड भी उन्हें नहीं रोकते. हां अगर कोई अन्य व्यक्ति उस इलाके में गाड़ी लगा दे तो उसकी गाड़ी जरूर गार्ड हटवाने लगे हैं. अासपास के लोग गाड़ी के पास खड़ा होकर खाना खाते हैं और वहीं पर हाथ धोते हैं. जूठा बरतन गाड़ीवाला अपने साथ लाये टब में रखता है. लोगों के हाथ धोने के कारण वहां गंदगी भी फैलती है. अस्पताल अधीक्षक से उद्घाटन मामले में बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी.
- 21 हजार प्रतिमाह टैक्स दे चल रहा स्थाई कैंटिन
- बोले उपाधीक्षक : यह गलत, करायेंगे जांच
- बोला गाड़ीवाला : कैसी गड़बड़ी अधीक्षक ने ही तो किया उद्घाटन
- आम लोगों के लिए कायदा कानून : नहीं लगाने देते बाइक
कैसे चलाऊं कैंटिन, करूंगा शिकायत
जब से गाड़ी वाले खाना बेच रहे हैं, तब से स्थायी कैंटिन में ग्राहकों की संख्या घट गयी है. कैंटिन संचालक अरूण यादव ने बताया कि उनका 50 फीसदी तक कारोबार घट गया है. उन्होंने कहा कि उनका प्रतिमाह 21 हजार रुपये लग रहा है. ऊपर से बिजली व जेनरेटर का शुल्क अलग से. फिर यह दिक्कत क्यों.
गाड़ी के पास खाना खाने से फैलती है गंदगी
परिसर में गाड़ी लगाकर भोजन बांटने से वहां भीड़ लगी रहती है. अस्पताल में मरीजों को लेकर आयी विभिन्न गाड़ियों को भी घुमाने में दिक्कत होती है. जगह की भी कमी होती है. लोगों द्वारा खाना खा कर वहां हाथ धोने से गंदगी भी फैल रही है.
क्या है नियम
अस्पताल परिसर में खुले में खाना बांटने की मनाही है. मरीजों को भी जो खाना देने आते हैं वो भी कई तरह के नियमों का पालन करते हैं.
अस्पताल परिसर में बिना अनुमति के मुफ्त में भोजन बांटना भी प्रबंधन के नियम के विरूद्ध है. प्रतिदिन सेवा के नाम पर व्यापार हो रहा है. इस पर अधीक्षक से चर्चा करके उचित कार्रवाई करूंगा.
डॉ असीम कुमार दास, उपाधीक्षक, मायागंज अस्पताल
गाड़ी लगा कर नहीं बांट सकते हैं खाना
मायागंज अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ असीम कुमार दास ने बताया कि मायागंज अस्पताल परिसर में गाड़ी लगा कर सेवा के नाम पर कारोबार नहीं किया जा सकता है. इसकी जांच की जायेगी. इस संबंध में वह अधीक्षक महोदय से भी चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन खाना बांटने के लिए व अन्य सेवा कार्य करने के लिए अस्पताल प्रबंधन से अनुमति लेना अनिवार्य है. पर खाना बेचा नहीं जा सकता है. बांटने का भी नियम तय है.
खुले में खाना से संक्रमण का है डर
जानकारों के अनुसार खुलने में भोजन कराने से संक्रमण का डर बढ़ गया है. अस्पताल के एक कोने में प्राय: लाश रखा रहता है. जख्म, संक्रमित रोग से ग्रस्त मरीज भी उसी होकर जाते हैं. ऐसे में खुले में भोजन कराना स्वास्थ्य के हित में नहीं है.