भागलपुर : बिहार में स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी शहर में कितने लोगों तक पहुंचायी गयी है, इसका जीता-जागता उदाहरण है यह तस्वीर. भागलपुर में तीन दिन से ठेला चालक राजेश कुमार साह की मां शीला देवी बीमार थीं. रविवार को मां की आवाज भी गुम हो गयी. मां की हालत सीरियस देख नजदीकी निजी क्लिनिकों में ठेले से लेकर गये. लेकिन, स्थिति देख किसी ने भर्ती नहीं लिया. फिर ठेले पर मां को लेटाकर उसका इकलौता बेटा राजेश अलीगंज से तकरीबन साढ़े पांच किलोमीटर का सफर तय कर जेएलएनएमसीएच पहुंचे.
बीच में मनाली चौक के पास जब थक गये, तो थोड़ी देर रुके. लेकिन मां की बिगड़ती तबीयत देख तुरंत लेकर निकल गये. राजेश का दम फूल चुका था, जब वे रास्ते में थे. राजेश को यह भी पता नहीं था कि इस स्थिति में एंबुलेंस कैसे मंगाया जाता है. रास्ते में सैकड़ों लोगों की नजर राजेश के बहते पसीने और उसकी बेसुध लेटी मां पर पड़ी. लेकिन, किसी ने उनकी मदद नहीं की. खैरियत की बात यह कि जेएलएनएमसीएच में दोपहर 1.10 बजे पहुंचे और लिखा-पढ़ी के बाद 1.15 बजे एक महिला व दो पुरुष डॉक्टरों ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी.