फाइनेंस सेक्रेटरी की अलमारी में है जमीन के कागज दूसरी तरफ भूमाफिया ने बेच दी 114 कट्ठा जमीन
भागलपुर : सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी रहे एएन झा आदमपुर स्थित करोड़ों रुपये की जमीन भूमाफिया से नहीं बचा पाये. कहा जाये तो उनकी अलमारी में अपनी जमीन के कागजात बंद हैं, लेकिन उनके हिस्से की करीब 114 कट्ठा जमीन भूमाफिया ने बेच डाली. आदमपुर चौक के समीप करोड़ों की जमीन के अवैध रूप […]
भागलपुर : सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी रहे एएन झा आदमपुर स्थित करोड़ों रुपये की जमीन भूमाफिया से नहीं बचा पाये. कहा जाये तो उनकी अलमारी में अपनी जमीन के कागजात बंद हैं, लेकिन उनके हिस्से की करीब 114 कट्ठा जमीन भूमाफिया ने बेच डाली. आदमपुर चौक के समीप करोड़ों की जमीन के अवैध रूप से बेचने व जमाबंदी बनाने के हाइ प्रोफाइल मामले से प्रशासन भी सकते में है.
उक्त अधिकारी की जमीन बेचने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने जगदीशपुर अंचलाधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया है. अवैध तरीके से जमीन की रजिस्ट्री से लेकर अंचल स्तर पर उसके जमाबंदी बनाये जाने की रिपोर्ट मांगी गयी है.
हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण प्रशासनिक स्तर पर भी विस्तृत जांच करायी जा रही है. बताया जाता है कि जांच की रिपोर्ट में अंचलाधिकारी व राजस्व कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते हैं.
यह है फाइनेेंस सेक्रेटरी की शिकायत: फाइनेंस सेक्रेटरी एएन झा के अनुसार, पुश्तैनी जमीन को संयुक्त स्वामियों की ओर से अधिकृत हस्ताक्षर कर्ता अमरनाथ मिश्र थे. उन्हें न्यायालय ने रिसीवर नियुक्त किया था. 31 मई 2009 को अमरनाथ मिश्र का निधन हो गया. निधन के बाद न्यायालय ने किसी रिसीवर की नियुक्ति नहीं की गयी. तब भी उनके निधन के बाद वर्ष 2009-16 के बीच जमीन को बेचा गया और जगदीशपुर अंचल में 39 म्यूटेशन कर दिया गया.
तब : 2016 की जनवरी में फाइनेंस सेक्रेटरी की 0.7618 हेक्टेयर भूमि था खाली
फाइनेंस सेक्रेटरी एएन झा ने जमीन के बारे में पहली शिकायत तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे से की थी. तत्कालीन एडीएम हरिशंकर प्रसाद के निर्देश पर जगदीशपुर अंचल ने उनकी जमीन की भौतिक रिपोर्ट दी थी. जनवरी 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, नगरपालिका क्षेत्र के आदमपुर मोहल्ले के पुराना वार्ड संख्या 5 और नये वार्ड संख्या 23 में खसरा संख्या 979 में 2.5435 हेक्टेयर भूमि में से 0.7618 हेक्टेयर भूमि खाली (छोटी नापी से 114 कट्ठा) है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख था कि 1983-84 और 2015-16 के बीच उस क्षेत्र में अलग-अलग 120 लोगों के नाम से जमीन के टुकड़ों का म्यूटेशन हुआ था.
अब : पुराना वार्ड 5 व नये वार्ड 23 में खसरा संख्या 979 में नहीं बची जमीन
जनवरी 2016 की रिपोर्ट से अलग वर्तमान हलका प्रभारी अशोक दास से जमीन का भौतिक जांच करायी गयी. मौके पर जाकर जांच की गयी प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बताया गया कि पुराना वार्ड संख्या 5 और नये वार्ड संख्या 23 में खसरा संख्या 979 में जमीन नहीं बची है. जनवरी 2016 में भेजी गयी 120 अलग-अलग जमीन की जमाबंदी की संख्या बढ़कर वर्तमान में 132 पहुंच गयी. इस तरह संबंधित जमीन के 12 और टुकड़े बेच दिये गये और उसकी जमाबंदी हो गयी.
बीच के समय में पूर्व राजस्व कर्मी हरि प्रसाद मंडल को मिला था हलका प्रभार >जगदीशपुर अंचल के अंतर्गत हलका संख्या 9 में स्थित आदमपुर की जमीन के क्षेत्र की देखरेख का प्रभार 27 फरवरी 2017 से अगस्त 2018 तक राजस्व कर्मी हरि प्रसाद मंडल के पास था.
- फाइनेंस सेक्रेटरी ने उठाये सवाल जिसकी हो रही जांच
- 31 मई 2009 के बाद अमरनाथ मिश्र के निधन के बाद जमीन की रजिस्ट्री व म्यूटेशन.
- जमीन की रजिस्ट्री करनेवाले फर्जी मालिक.
- जगदीशपुर अंचल की ओर से म्यूटेशन करने का आधार.
- कोर्ट से मनोनीत जमीन बिक्री के रिसीवर की 31 मार्च 2009 को हुई थी मौत
- रिसीवर की मौत के बाद बेची गयी जमीन व अंचल में जमाबंदी बनने पर उठे सवाल