भागलपुर : डीएम बी कार्तिकेय भले ही जिला में सब कुछ ठीक होने की बात कहते हों पर अंदरखाने से विरोध के स्वर लगातार उभर रहे हैं. रविवार को भी कई अधिकारियों ने कार्यालय में काम किया. इस दौरान भी इन बातों पर चर्चा होती रही. अधिकारियों का कहना था कि रविवार के दिन जब सरकारी अवकाश घोषित है फिर भी हमलोग काम कर रहे हैं.
इससे साफ जाहिर होता है कि हमलोग काम के प्रति जिम्मेवार हैं. सभी को पता है कि उन्हें क्या करना है. अगर रविवार के दिन हमलोग काम नहीं करेंगे तो और भी परेशानी होगी. सिर्फ वर्किग डे में काम करने से काम पूरा नहीं हो सकता है. इसलिए परिवार के साथ समय बिताने वाला वक्त भी कार्यालय में दे रहे हैं. शुक्रवार को बासा के अध्यक्ष हरि शंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में सदस्यों ने डीएम पर कई तरह के आरोप लगाये थे.
बासा के सदस्यों ने कहा था कि उन्हें मान सम्मान नहीं मिल रहा है. जिलाधिकारी को सभी अधिकारियों को एक नजर से देखना चाहिए और संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. हालांकि डीएम श्री कार्तिकेय ने सभी बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात ही नहीं है. डीएम ने बताया कि हमने बासा के सदस्यों से बात की है. उन्होंने तो ऐसी कोई बात नहीं की है. हमारे सभी अधिकारी सम्मान के साथ रहें. उन्हें सम्मान मिलता है और आगे भी मिलेगा. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास संसाधन की कमी है.
अगर संसाधन मुहैया नहीं कराया जायेगा तो हमलोग कहां से समय पर रिजल्ट दे सकते हैं. अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मनरेगा की जांच के लिए सुबह नौ बजे जब तक फील्ड में नहीं जायेंगे जांच नहीं हो सकती है. अधिकारियों ने कहा कि समय पर छुट्टी वगैरह मिल जाये और पर्याप्त संसाधन काम करने के लिए मिले. बस इतनी सी तो मांग है. इधर बासा द्वारा जिलाधिकारी के विरोध की चर्चा प्रशासनिक हलकों मे शुरू हो गयी है. जो अधिकारी भागलपुर में पदास्थापित रह चुके हैं वे भी इसकी जानकारी ले रहे हैं. जानकार सूत्रों का कहना है कि गतिरोध की आवाज पटना तक पहुंच गयी है. भागलपुर से जुड़े रहनेवाले कुछ मंत्रियों ने इसकी जानकारी ली है.