भागलपुर : पुल पर गूंजेगी आवाज- वाहन चालक ध्यान दें… यहां लगा है जाम, ओवरटेकिंग न करें
भागलपुर : विगत कुछ हफ्तों से जाम से निबटने के लिए भागलपुर पुलिस अब लोगों को परिवहन नियमों के प्रति जागरूक करेगी. इसके लिए पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टल चालू होगा. इसमें पुल के दोनों तरफ लाउडस्पीकर लगाया जायेगा. इसमें पहले से रिकॉर्डेड साउंड को चलाया जायेगा. लाउडस्पीकर से परिवहन नियमों का पालन करें, ओवरटेकिंग न करें, […]
भागलपुर : विगत कुछ हफ्तों से जाम से निबटने के लिए भागलपुर पुलिस अब लोगों को परिवहन नियमों के प्रति जागरूक करेगी. इसके लिए पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टल चालू होगा. इसमें पुल के दोनों तरफ लाउडस्पीकर लगाया जायेगा. इसमें पहले से रिकॉर्डेड साउंड को चलाया जायेगा.
लाउडस्पीकर से परिवहन नियमों का पालन करें, ओवरटेकिंग न करें, एक लेन में गाड़ी चलायें आदि की जानकारी वाहन चालकों को दी जायेगी. इसके अलावा लोगों को पुल पर चढ़ने से पहले ही यह भी पता चल जायेगा कि पुल पर किस पाया के पास जाम लगा है और जाम का कारण क्या है.
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि जाम से निबटने के लिए भागलपुर पुलिस प्रयत्नशील है. भागलपुर पुलिस इसके लिए लगातार नये प्रयोग कर रही है. इसमें पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम की भी मदद लेने के बिंदु पर किये गये विचार को सहमति मिली है. जाम न लगे इसके लिए बलों की संख्या और बाइक गश्ती पार्टी की संख्या में पूर्व में भी वृद्धि की गयी है.
पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम के तहत भागलपुर पुलिस द्वारा विक्रमशिला सेतु के दोनों तरफ लाउडस्पीकर की व्यवस्था की जायेगी. लाउडस्पीकर पर प्री-रिकॉर्डेड वॉइस के जरिये सेतु के रास्ते गुजरने वाले वाहन चालकों को परिवहन नियमों के प्रति जागरूक किया जायेगा. इसके साथ ही इसमें ओवरटेकिंग न करने और एक कतार में वाहनों को चलाने का भी निर्देश दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि लाउडस्पीकर के जरिये पुल पर किस जगह (किस पाया नंबर) पर जाम लगा है और जाम का क्या कारण है इसकी जानकारी भी दी जायेगी. इस नये प्रयोग से लोग जाम में परेशान होने से बचेंगे, साथ ही पुल पर ओवरटेकिंग और एक कतार में नहीं चलने वाले वाहनों में भी कमी आयेगी.
- पुल पर चढ़ने से पहले ही पता चल जायेगा किस पाये से है जाम, क्या है कारण
- परिवहन नियमों के पालन के लिए किया जायेगा जागरूक, एक लेन में गाड़ी चलाने का िनर्देश
- जाम से निजात दिलाने के लिए भागलपुर पुलिस प्रशासन कर रहा नया प्रयोग, चालू होगा पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम
- क्यूसीबीएस के तहत निकाला था टेंडर रद्द करने के निर्णय में की गयी जल्दबाजी
भागलपुर : भागलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड के तहत होनेवाले कमांड एंड कमांड सेंटर की सरकार से जांच पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मुहर लगने के बाद रविवार को स्मार्ट सिटी के सीइओ सह नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने प्रेसवार्ता बुलायी. मीणा ने कहा कि कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का टेंडर क्यूसीबीएस (क्वालिटी कॉस्ट बेस्ड सिस्टम) के तहत किया गया था.
यह सामान्य टेंडर नहीं होता है. भागलपुर में ऐसा संभवत: पहली बार हो रहा है. इसकी संचिका को गहराई से समझने की जरूरत थी और फिर कोई निर्णय लिया जाना था.
लेकिन पहले निर्णय ही ले लिया गया. जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि कौन नहीं समझ रहे हैं आपकी बात और आपकी संचिका को, तो इस पर मीणा ने पत्रकारों को कहा कि आप खुद ही तय कर लें.
संचिका के साथ छेड़खानी की बात क्यों
उन्होंने कहा कि पीडीएमसी ने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का टेंडर तैयार कर दिया था. फिर उसकी चेकिंग हमारी तकनीकी टीम ने की. तकनीकी टीम ने संचिका में जो भी त्रुटि पायी, उसे सुधार कर हमें दिया. फिर उस संचिका को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पास भेजा गया. यह तो उनका अधिकार था कि संचिका में त्रुटि दूर करें. फिर यह कैसे कहा जा सकता है कि संचिका के साथ छेड़खानी की गयी.
जब आप सही हैं, तो बोर्ड ने आपको गलत किस आधार पर कहा : हमारी टेंडर प्रक्रिया बिल्कुल सही है. संचिका बिल्कुल दुरुस्त है. हो सकता है कि पूरी संचिका में कहीं छोटी-मोटी भूल पीडीएमसी से हो गयी हो. लेकिन संचिका बिल्कुल सही है. फिर भी बोर्ड ने इसे रद्द कर दिया, यह उनकी सोच है. वही बता सकते हैं कि ऐसा क्यों किया.
मैंने खुद लिखा है, पहले इंक्वायरी हो फिर दंड
मीणा ने कहा कि बोर्ड की बैठक में उन्होंने खुद ही जांच की मांग उठायी है. कहा है कि सरकार से जांच करा ली जाये. इसके बाद जो दोषी पाये जाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो.
130 करोड़ का टेंडर 200 करोड़ क्यों किया
इस पर मीणा का तर्क था कि स्मार्ट सिटी में कहीं भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का टेंडर 130 करोड़ में नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कहीं भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनता है, तो इंफ्रास्ट्रक्चर एक समान होता है.
क्षेत्र बड़ा होने से सिर्फ कुछ कैमरे व इससे जुड़ी छोटी-छोटी चीजें बढ़ती है. इससे राशि में बहुत अंतर नहीं आती है. वैसे भी हमने तीन चार कंपनियों से जब सेंटर का रेट पूछ लिया था, तभी टेंडर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की थी.
अब चुनाव के पहले सिर्फ छोटे काम
प्रेस वार्ता में रविवार को निगम कार्यालय में स्मार्ट सिटी के सीइओ सह नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले स्मार्ट सिटी योजना से छोटी-छोटी योजनाओं पर काम शुरू किये जायेंगे. अधिसूचना के पहले बड़े काम नहीं हो सकेंगे. इन छोटे-छोटे कामों में बैडमिंटन कोर्ट, स्टेशन क्लब समेत अन्य शामिल होंगे.
दुख है कि मेरी संचिका नहीं देखी जाती, सिर्फ निर्णय लेते हैं : प्रेस वार्ता में सीइओ ने कहा कि हमलोग अपने काम को सही तरीके से कर रहे हैं. मुझे इस बात का दुख है कि मेरी संचिका का अवलोकन नहीं किया जाता है. सिर्फ निर्णय दे दिया जाता है. हम अपने धर्म का पालन कर रहे हैं.
एक साल में कभी संवाददाता सम्मेलन नहीं करनेवाले नगर आयुक्त ने रविवार को अचानक किया प्रेस कांफ्रेंस
बोर्ड अॉफ डायरेक्टर की बैठक में हुए निर्णय पर जतायी नाराजगी, बिना नाम लिये कमिश्नर को सुनाया भलाबुरा
काम की गति व टेंडर के रद्द होने पर भड़के शहरवासी, सुनाया सबको भला-बुरा कहा : अब तो कुछ ऐसा हो कि हमारा शहर भी स्मार्ट हो
यह है मामला
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने शनिवार को स्मार्ट सिटी में घपले के रूप में सामने आये कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की सरकार से जांच करवाने पर मुहर लगायी थी. कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम में मास्टर सिस्टम इंटीग्रेशन के काम को लेकर 130 करोड़ के काम को 202.55 करोड़ करने के काम में धांधली होने को लेकर जांच होगी.
इसमें दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की गयी है. दरअसल टेंडर को फाइनल करने के दौरान तकनीकी समिति का अनुमोदन नहीं कराया गया.
तकनीकी समिति में शामिल बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज के मनोनीत सदस्य को बताया नहीं गया. कंपनी के निदेशक मंडल के किसी भी सदस्य को काम देने के लिए लेटर ऑफ इंटेंड (एलओआइ) यानी चयनित बोलीदाता को काम आवंटित करने का पत्र प्रदान कर दिया गया.
निदेशक मंडल में टेंडर की पूरी प्रक्रिया के बाद चयनित बोलीदाता का प्रस्ताव पेश होता, बोर्ड बैठक में उसे एलओआइ देने की हरी झंडी दी जाती. इस मामले की शिकायत एक कंपनी ने की थी. इस पर जिलाधिकारी ने जांच की थी और रिपोर्ट मिलने पर बोर्ड ने टेंडर रद्द कर प्रधान सचिव को रिपोर्ट भेज दी थी.