सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक गरमाया रहा जिप कार्यालय, बोले विरोधी : लोभ लाभ में बहस से दूर रखे गये पार्षद, हाईकोट में दायर करेंगे रिट
भागलपुर : जिला परिषद सभागार व आसपास के क्षेत्र में मंगलवार की सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक माहौल गरमाया रहा. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सुबह से ही पार्षद व उनके समर्थकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. सदन में प्रस्ताव पर बहस शुरू होने पर समर्थक भी जिप कार्यालय के सामने इंतजार […]
भागलपुर : जिला परिषद सभागार व आसपास के क्षेत्र में मंगलवार की सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक माहौल गरमाया रहा. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सुबह से ही पार्षद व उनके समर्थकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. सदन में प्रस्ताव पर बहस शुरू होने पर समर्थक भी जिप कार्यालय के सामने इंतजार करते रहे. जब सदन में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया और इसकी जानकारी नीचे खड़े समर्थकों को हुई तो नारेबाजी शुरू हो गयी.
अपने नेता के नीचे आते ही जिप अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गयी, जो सीधे उनके चैंबर में चली गयी. फिर तोड़फोड़ शुरू हो गया और देखते-देखते माहौल गरमा गया. विरोध कर रहे जिप सदस्य ने कहा, हाइकोर्ट में पूरे मामले को लेकर रिट दायर करेंगे. बहस में शामिल होने की जगह जिप अध्यक्ष दूर बैठकर तमाशा देख रहे हैं. हर हाल में उनको जवाब देना होगा.
विकास की बात नहीं, खुद की गाड़ी, तेल व मानदेय की बात की
जिप सदस्य डॉ अशोक कुमार आलोक ने कहा कि जिप अध्यक्ष टुनटुन साह ने अपने कार्यकाल में विकास की बात नहीं की. सिर्फ अपनी गाड़ी, उसके तेल व मानदेय की बात की. इसके अलावा कोई काम नहीं किया. वे अपनी कार्यशैली से कार्यपालक पदाधिकारी व तकनीकी कर्मचारियों से समन्वय स्थापित नहीं कर सके. आरोप लगाया कि 10 पार्षदों ने उन्हें फोन करके बताया कि उन्हें जबरन रखा जा रहा है.
अध्यक्ष के खिलाफ चलेगा आंदोलन, नहीं होगी जिप में बैठक
जिप सदस्य अरविंद मंडल ने बहस में चेतावनी दी और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में जिप अध्यक्ष नहीं आये तो क्या हुआ. कब तक भागेंगे, कभी तो आयेंगे. उनके खिलाफ आंदोलन होगा, धरना करेंगे. जब तक सात आरोप का जवाब नहीं देते, तब तक जिप में काेई बैठक नहीं होगी. जिप अध्यक्ष का कार्यालय बंद रहेगा. देखते हैं, कब तक भागते हैं.
गायब पार्षदों को खोजने कोलकाता गये, पर वो ओड़िशा के चांदीपुर चले गये
सदन में बहस में खुलासा हुआ कि नौ जनवरी से शहर से गायब जिप अध्यक्ष व अन्य पार्षदों के मोबाइल लोकेशन के आधार पर करीब 10 लोग कोलकाता गये. वहां पर पुलिस की मदद ली और कई जगह पर छापा मारा. कहा गया कि इसका जिप अध्यक्ष को पता लग गया और वे सभी को लेकर ओड़िशा के चांदीपुर चले गये.
सदन में बहस के दौरान बोले गये अहम बोल
- जिप अध्यक्ष ने बहस की तिथि तय की, लेकिन खुद गैरहाजिर हो गये.
- पंचायती राज अधिनियम के मायने चाहे कुछ भी हों, गैरहाजिर होना गलत है.
- जिप अध्यक्ष सदस्यों को लेकर चार राज्यों में घूम रहे हैं.
- जिप अध्यक्ष को अपने ऊपर लगे आरोप का सदन में जवाब देना चाहिए था, भागना कायरता है.
जिप सदस्यों के उठाये गये सवाल
- जिप अध्यक्ष समेत कई सदस्य नौ से 15 जनवरी तक कहां हैं. उनका मोबाइल लोकेशन लिया जाये.
- अगर हर साल जिप अध्यक्ष सदस्यों को घुमाने के लिए ले जाते हैं, तो ठीक है, वरना अविश्वास प्रस्ताव से पहले घुमाने का क्या राज है.
- एक सम्मानित एमएलसी की भी जिप सदस्यों को शहर से बाहर करने में अहम भूमिका है.
- जिप अध्यक्ष लोभ-लाभ के बल पर अपने अविश्वास प्रस्ताव से जिप सदस्यों को दूर रखा.
- जिप अध्यक्ष के खिलाफ जांच नहीं होगा, तो सदन का मजाक होता रहेगा.
- मनोज मंडल कौन हैं, यह कार्यालय कर्मियों को अपमानित करते रहते हैं. यह हमेशा जिप अध्यक्ष के साथ क्यों घूमते रहते हैं.
- शाहकुंड में मारपीट के केस में जेल गये, फिर कैसे अध्यक्ष के तौर पर कुर्सी पकड़े हुए हैं.
- जिप अध्यक्ष व गैर हाजिर सदस्यों का दुमका, तारापीठ, कोलकाता, दीघा घाट समुद्री किनारे (कोलकाता), ओड़िशा के चांदीपुर और वर्तमान में नेपाल में होने का मोबाइल लोकेशन मिल रहा है
अध्यक्ष के खिलाफ अमर्यादित भाषा के भी चले तीर
जिप अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में अमर्यादित भाषा का भी बीच-बीच में प्रयोग हुआ. गैरहाजिरी पर तंज कसते हुए सदस्यों ने उन्हें चोर की तरह भागने, डरपोक, कायर आदि कह डाला. तोड़फोड़ के दौरान समर्थकों ने तो उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दे डालीं.
कानूनी कार्रवाई की बात कहती रहीं उपाध्यक्ष
सदन की पूरी कार्यवाही में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी सुनील कुमार ने कहा कि आज की बहस में पूरी बात अध्यक्षता कर रहीं उपाध्यक्ष आरती कुमारी द्वारा संचालित होगी.
बहस में जिप सदस्यों के अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह के मोबाइल लोकेशन की जांच करने, उनके गैरहाजिरी पर कार्रवाई होने की मांग की गयी, तो उपाध्यक्ष आरती कुमारी ने कहा : जो भी कानूनी तौर पर संभव होगा, वह होगा. बहस की समाप्ति पर उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने की घोषणा की.
डीएम ने 12 जनवरी को सदर एसडीओ व सिटी डीएसपी को दी थी चिट्ठी : डीएम प्रणव कुमार ने जिप में 15 जनवरी को तय बहस की तिथि को लेकर 12 जनवरी को सदर एसडीओ व सिटी डीएसपी के नाम की चिट्ठी दी थी.
इसमें विधि व्यवस्था को लेकर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने को कहा था. इसके तहत जोगसर टीओपी के पुलिस पदाधिकारी व गोराडीह के बीडीओ प्रभात केसरी की प्रतिनियुक्ति लगायी गयी.
सुबह 10.30 बजे से ही दंडाधिकारी के नहीं होने की होने लगी चर्चा
सुबह-सुबह जिप सभागार में जिप सदस्यों व उनके समर्थकों की भीड़ होने लगी. इसको देखते हुए दंडाधिकारी व पुलिस कर्मी के नहीं पहुुंचने की चर्चा होने लगी. लेकिन बैठक के शुरू होने पर भी कोई नहीं आया.
इस बीच जिप सभागार के बाहर भी युवा समर्थक एकत्र थे. नीचे भी उतने ही संख्या में समर्थक थे, बार-बार सूचना देने पर भी कोई सक्रियता दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की नहीं देखी गयी.
बहस से पहले
सवाल: कहां हैं आप?
जवाब: आज तो दही चूड़ा है, सो बिहपुर में हैं. कहिये तो सेल्फी भेज दें.
सवाल: आज ही अविश्वास प्रस्ताव पर बहस है, न ?
जवाब: हां भई, मैंने ही तो तिथि तय करवायी थी.
सवाल: फिर आप नहीं आयेंगे क्या?
जवाब: अरे, मेरे बिहपुर में दोस्त हैं घंटू प्रसाद, उन्होंने बुलाया था, सो यहां पर दही चूड़ा खा रहे हैं. दोस्त थे, नहीं आते तो नाराज हो जाते. इनको नाराज कैसे करें.
सवाल: तब क्या समझा जाये, बहस में नहीं आयेंगे?
जवाब: अरे भई, दही चूड़ा खाने आये हैं. यहां वालीबॉल खेलेंगे. और भी हैं, यहां पर वालीबॉल का मैच सभी खेल रहे हैं. वहां आकर क्या करेंगे. जो प्रस्ताव लायें हैं, वह बहस करेंगे.
बहस के बाद
सवाल: आप बहस में नहीं आये?
जवाब: भई, मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव था तो क्यों आते.
सवाल: आपके खिलाफ आरोप का जवाब मांगा जा रहा था?
जवाब: अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पत्र देते ही वे कार्यालय आना छोड़ दिये थे. पद और गाड़ी छोड़ दिये. जिन्हें बहस करना था, उन्हें अपनी बातें रखनी थी. वोटिंग करनी थी.
सवाल: अब आगे क्या किजीयेगा?
जवाब: अविश्वास प्रस्ताव गिर गया, अब आऊंगा. कल(यानि आज) आयेंगे और कार्यालय में बैठेंगे.
तोड़फोड़ के बाद निकले डीडीसी
जिप अध्यक्ष के कमरे में तोड़फोड़ के बाद डीडीसी सुनील कुमार वहां से निकले. उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ को लेकर दंडाधिकारी द्वारा कार्रवाई होगी.
ये लोग थे सदन में मौजूद
जिप उपाध्यक्ष आरती कुमारी के अलावा डॉ अशोक कुमार आलोक, अरविंद मंडल, बीरबल मंडल, शिव मंडल, लीना सिन्हा, शबाना आजमी, आशा देवी, प्रीति देवी, प्रेमलता देवी व माला देवी.