पुलिस ने दुत्कारा, डॉक्टर ने किया भरती करने से इनकार ..और मर गया मनसरपुर का कैलाश
भागलपुर: जीरो माइल थाना क्षेत्र के मनसरपुर गांव में मारपीट में घायल कैलाश राम की बुधवार को मौत हो गयी. 13 मई को कैलाश व उसके परिजनों को पड़ोसियों ने पीटा था. जीरो माइल पुलिस ने उस समय केस दर्ज नहीं किया था, जबकि जख्मी कैलाश मामले की शिकायत लेकर खुद थाना पहुंचे थे. लेकिन […]
भागलपुर: जीरो माइल थाना क्षेत्र के मनसरपुर गांव में मारपीट में घायल कैलाश राम की बुधवार को मौत हो गयी. 13 मई को कैलाश व उसके परिजनों को पड़ोसियों ने पीटा था. जीरो माइल पुलिस ने उस समय केस दर्ज नहीं किया था, जबकि जख्मी कैलाश मामले की शिकायत लेकर खुद थाना पहुंचे थे. लेकिन उन्हें थाने से दुत्कार कर भगा दिया गया था.
वे किसी तरह इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने वहां भी भरती करने से इनकार कर दिया. डॉक्टरों ने कहा, जाओ पहले थाने से लिखा कर लाओ, तब इलाज करेंगे. हार कर कैलाश फिर थाने पहुंचा, लेकिन वहां उसे इलाज कराने के लिए पुलिस ने लिख कर कुछ नहीं दिया. इस कारण कैलाश का निजी क्लिनिक में इलाज हुआ. बुधवार की रात कैलाश की मौत हो गयी. मौत के बाद जीरो माइल पुलिस के हाथ-पैर फूूलने लगे. आनन-फानन में पुलिस ने कैलाश के पुत्र के बयान पर पड़ोसियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
जख्मी कैलाश पर ही कर दिया केस : कैलाश के पुत्र शंभू राम का आरोप है कि जीरो माइल पुलिस आरोपी पक्ष से मिली हुई है. 13 मई को मारपीट की घटना के बाद पुलिस आरोपी पक्ष से मिल गयी और मेरे जख्मी पिता समेत अन्य परिजनों पर ही उल्टे मारपीट का केस दर्ज कर दिया. शंभू ने बताया कि पड़ोसी दीना राम, विजय सिंह आदि ने मेरे पिता को लाठी-डंडे से पीटा था. पिता जी को अंदरूनी चोट आयी थी. वे लगातार खून की उल्टियां कर रहे थे. लेकिन जीरो माइल पुलिस इस बात को मानने को तैयार नहीं थी.
पीएम रिपोर्ट से खुलेगा मौत का राज : जीरो माइल पुलिस और कैलाश के परिजन कैलाश के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट हो जायेगा. यह पता चल जायेगा कि कैलाश की मौत मारपीट में हुई है या किसी अन्य कारण से.
एसएसपी को भी लिखा था पत्र
जीरो माइल पुलिस ने जब प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी तो जख्मी कैलाश ने एसएसपी को पत्र लिख कर मामले की जानकारी दी थी. लेकिन तत्कालीन एसएसपी के स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अब जब कैलाश की मौत हो गयी, तो पुलिस ने पड़ोसियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. उधर, जीरो माइल पुलिस का कहना है कि मारपीट में कैलाश की मौत नहीं हुई. घटना 13 मई को हुई थी और मौत 25 जून को. पुलिस का यह भी तर्क है कि अगर कैलाश को गंभीर अंदरूनी चोट थी तो निजी क्लिनिक के डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कैसे कर दिया. अपने यहां भरती क्यों नहीं रखा.