भागलपुर-हंसडीहा 133 ई व भागलपुर-नवगछिया अब कहलायेगा एनएच-131 बी

पटना/भागलपुर : 62 किमी लंबी भागलपुर–ढाका मोड़–हंसडीहा फोर लेन पथ अब एनएच-133 ई व 14.30 किमी लंबी भागलपुर–नवगछिया पथ अब एनएच-131 बी कहलायेगा. भागलपुर नवगछिया पथ में फोर लेन विक्रमशिला पुल भी शामिल रहेगा. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2019 4:23 AM

पटना/भागलपुर : 62 किमी लंबी भागलपुर–ढाका मोड़–हंसडीहा फोर लेन पथ अब एनएच-133 ई व 14.30 किमी लंबी भागलपुर–नवगछिया पथ अब एनएच-131 बी कहलायेगा. भागलपुर नवगछिया पथ में फोर लेन विक्रमशिला पुल भी शामिल रहेगा. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की सात सड़कों को नेशनल हाइवे (एनएच) के रूप में अधिसूचित किया है.

इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार जताया है. 350 किमी लंबी इन सड़कों के मजबूतीकरण, चौड़ीकरण आदि के लिए 66 अरब रुपये के अनुमानित खर्च की संभावना है.

नंदकिशोर यादव ने कहा कि जिन सात सड़कों को नेशनल हाइवे के रूप में अधिसूचित किया गया है, उसमें 62 किमी लंबी भागलपुर–ढाका मोड़–हंसडीहा फोर लेन पथ (झारखंड सीमा तक, एनएच-133 ई) है. इसकी अनुमानित लागत 11 अरब 22 करोड़ रुपये है. 75 किमी लंबे हाजीपुर–महनार–मोहद्दीनगर–बछवाड़ा (एनएच-122 बी) सड़क की लागत पांच अरब 52 करोड़, 18 किमी लंबे चकाई–सरवन (झारखंड सीमा, एनएच-333 सी) तक सड़क की लागत एक अरब, 55 किमी लंबे रोसड़ा–बहेड़ी–पूर्वी बाइपास(एनएच-527 ई) तक चार अरब 43 करोड़, 10 किमी लंबे सुपौल जिला में सरायगढ़ से लालगंज(एनएच-327 एडी) सड़क की लागत एक अरब 28 करोड़, 64 किमी लंबे बक्सर–चौसा–रामगढ़–मोहनिया(एनएच-319 ए) नौ अरब 34 करोड़, 14.30 किमी लंबे भागलपुर–नवगछिया (इसमें फोर लेन विक्रमशिला पुल भी शामिल है, एनएच-131 बी) सड़क की लागत 17 अरब और 50 किमी लंबे मुसरीघरारी–समस्तीपुर–दरभंगा बेला(एनएच-322) के निकट नेशनल हाइवे तक सड़क की लागत सोलह अरब बारह करोड़ रुपये है.
मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि वर्ष 2015 में बिहार के लिए घोषित प्रधानमंत्री पैकेज-2015 के तहत सैद्धांतिक रूप से एनएच घोषित सड़कों का डीपीआर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया था. 27 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री कार्यालय में वर्ष 2015 में घोषित पैकेज के संबंध में बैठक हुई थी. इस बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ वे स्वयं शामिल हुए. इस बैठक में सहमति बनी कि सैद्धांतिक रूप से घोषित सड़कों को एनएच के रूप में अधिसूचित किया जाये.

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