पैसा रहते नहीं बचा सके बहन की जान

भागलपुर: पैसा रहते इलाहाबाद बैंक (भागलपुर) के कर्मी विवेक अपनी बहन रत्ना देवी की जान नहीं बचा सके. दरअसल कृषि विभाग के एक वेतन निकासी पदाधिकारी सतीश चंद्र झा ने मृतका के पति के नाम से इलाहाबाद बैंक के खाते पर होल्ड लगवा दिया था. इस कारण खाते की राशि 1.25 लाख का इलाज में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

भागलपुर: पैसा रहते इलाहाबाद बैंक (भागलपुर) के कर्मी विवेक अपनी बहन रत्ना देवी की जान नहीं बचा सके. दरअसल कृषि विभाग के एक वेतन निकासी पदाधिकारी सतीश चंद्र झा ने मृतका के पति के नाम से इलाहाबाद बैंक के खाते पर होल्ड लगवा दिया था.

इस कारण खाते की राशि 1.25 लाख का इलाज में उपयोग नहीं हो सका. समस्तीपुर निवासी बहन की मौत शनिवार रात दिल्ली में हो गयी है. शव को मंगलवार देर रात भागलपुर लाया जा रहा है. दरअसल मृतक के पति चंद्र चौधरी पिछले पांच साल से भागलपुर कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक (पौधा संरक्षण) कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत थे. फिलहाल पेंशन होल्डर है.

मृतका के भाई विवेक ने बताया कि वेतन निकासी पदाधिकारी श्री झा से उन्होंने काफी आरजू-मिन्नत की , लेकिन मानवता के नाते भी उन्होंने सुनना पसंद नहीं किया. उलटे यह कह कर लौटा दिया गया कि आगे की कार्रवाई के लिए आप स्वतंत्र है. विकास ने बताया कि बैंक से राशि निकासी को लेकर होल्ड लगाने के लिए कोर्ट का ऑर्डर लेना था, जो नहीं लिया गया. उन्होंने बताया कि जीजा श्री चौधरी का अप्रैल व मई का पेंशन भी रिलीज नहीं किया गया. इस कारण खाते में पैसा रहते पैसे के अभाव में बहन को बचा नहीं सके.

खटखटाया मानवाधिकार का दरवाजा
विवेक ने बताया कि इंसाफ को लेकर मानवाधिकार का दरवाजा खटखटाया गया है. जब तक इंसाफ नहीं मिलता है, तब तक लड़ाई लड़ी जायेगी.

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