नर्स ने नवजात बच्ची को मृत समझ नाले में फेंका, दो घंटे तक नाले में तड़पती रही बच्ची, फिर…
सुलतानगंज (भागलपुर) : सुलतानगंज में सोमवार को नगर परिषद क्षेत्र के नारायणपुर निवासी ललन कुमार की पत्नी रूबी देवी ने बच्ची को जन्म दिया. नवजात को मृत समझ नर्स ने अस्पताल के नाले के पास फेंक दिया. दो घंटे बाद जब प्रसूता को होश आया, तो वह बच्ची को खोजने लगी. नर्स ने उसे बताया […]
सुलतानगंज (भागलपुर) : सुलतानगंज में सोमवार को नगर परिषद क्षेत्र के नारायणपुर निवासी ललन कुमार की पत्नी रूबी देवी ने बच्ची को जन्म दिया. नवजात को मृत समझ नर्स ने अस्पताल के नाले के पास फेंक दिया. दो घंटे बाद जब प्रसूता को होश आया, तो वह बच्ची को खोजने लगी. नर्स ने उसे बताया कि बच्ची मृत हुई पैदा हुई थी, इसलिए उसे नाले पर रख दिया गया है. यह सुनते ही प्रसूता के परिजन आक्रोशित हो गये और वे नवजात को खोजने लगे. प्रसव कक्ष के बगल में ही नाला था. परिजनों ने देखा कि नवजात की सांसें चल रही हैं. करीब दो घंटे तक नाले पर पड़े रहने के बाद भी बच्ची जिंदा थी.
इस संबंध में डॉक्टर और नर्स को जब पता चला, तो उनके होश उड़ गये. डॉक्टर ने आनन-फानन में ऑक्सीजन लगा कर एंबुलेंस से जच्चा-बच्चा को मायागंज अस्पताल भेजा. इधर, प्रसूता के परिजनों को अस्पताल कर्मियों ने समझा-बुझा कर शांत कराया और अस्पताल से भेजा.
प्रसूता के पति ललन कुमार ने बताया कि सोमवार को सुबह 10:53 बजे पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था. दिन के 1:20 बजे प्रसव कक्ष में उसने बच्ची को जन्म दिया. नर्स ने बताया कि नवजात का वजन एक किलो है. बिना हमलोगों को कुछ बताये नवजात को मृत समझ कर अस्पताल के अंदर ही नाले में फेंक दिया गया. बाद में पता चलने पर जब हमलोगों ने खोजबीन की तो नवजात को नाले के अंदर पाया. बच्ची छटपटा रही थी. इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल कर्मी कुछ भी नहीं बता रहे थे.
बेटी के लिए मांगी थी मन्नत
ललन कुमार ने बताया कि मुझे दो पुत्र है. इसलिए बेटी के लिए मैंने भगवान से मन्नत मांगी थी. ऊपर वाले ने हमारी मन्नत पूरी भी कर दी. लेकिन, अस्पताल में जो हुआ, उससे हमारे होश ही उड़ गये. प्रसव कक्ष से जब रूबी को बाहर लाया गया, तो उसे बताया गया कि उसने मृत बच्ची को जन्म दिया था. यह सुनते ही वह फफक पड़ी. लेकिन, रूबी यह मानने को तैयार नहीं थी. उसके बाद परिजन ने नर्स पर दबाव बना कर पूछा कि नवजात कहां है. इस पर नर्स इधर-उधर झांकने लगी. खोजबीन करने पर जब बच्ची नाले में मिली, तो परिजनों ने उसे गोद में उठा लिया. गोद में लेते ही बच्ची के रोने की आवाज निकलने लगी. यह देख रूबी और उसके घरवालों की आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे.